नई दिल्ली : देश में ट्विटर का इस्तेमाल करने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत आगे हैं। अप्रैल के महीने में एक दिन में उनकी 10 से 15 पोस्ट देखने को मिलीं। लेकिन, इस मंच पर विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर उनके शब्दों के बाणों का तीखापन इस बार पांच साल पहले के मुकाबले कम दिखा।
अप्रैल के महीने में मोदी लोगों से कांग्रेस को वोट नहीं देने का आग्रह तो करते रहे लेकिन 2014 में उन्होंने व्यंग्य बाणों का जो इस्तेमाल किया था, वह इस बार नहीं दिखा।
अप्रैल 2019 में मोदी के अधिकांश ट्वीट अपने फॉलोवर से संवाद करने के बजाए रूटीन और ताजा स्थिति की जानकारी देने वाले अधिक रहे। ट्विटर पर उनके फॉलोवर की संख्या भारी भरकम, 4.71 करोड़ है।
लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि उनके ट्वीट को कम लाइक किया गया हो या कम रिट्वीट किया गया हो। 2014 के मुकाबले आज उनके फॉलोवर कहीं अधिक हैं, इसलिए 2014 में अगर उनके ट्वीट को सैकड़ों लोगों ने लाइक और रिट्वीट किया था तो 2019 में यह संख्या हजारों में है।
लेकिन, जो भावनाएं मोदी तब जगाते थे, वह इस बार काफी बदली नजर आईं। मिसाल के लिए 27 अप्रैल 2014 के मोदी के इस ट्वीट को देखें, जिस तरह से कॉमेडी का पुट लिए बयान राहुल बाबा दे रहे हैं, मुझे लगता है कि इसके बाद कपिल शर्मा के टीवी शो की दुकान बंद हो जाएगी।
इस ट्वीट को 10890 बार रिट्वीट किया गया था और इसे 7682 लाइक मिले थे। हालांकि, उस दौरान उनके अन्य ट्वीट को कुछ सौ बार रिट्वीट किया जाता था। लेकिन, इसे हजारों बार किया गया।
ऐसे ही मोदी के इस ट्वीट को हजारों बार रिट्वीट किया गया था, राहुल बाबा कहते हैं कि 27000 करोड़ नौकरियों की जगह खाली है और गुजरात में हर दो में से एक बच्चा कुपोषित है। केवल वही स्पष्ट कर सकते हैं कि यह कैसे हो सकता है। लेकिन, प्रधानमंत्री अब राहुल गांधी का मजाक नहीं उड़ाते जिन्होंने अप्रैल 2015 में ट्विटर ज्वाइन किया था।
2019 में नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से सबसे कड़े शब्दों का इस्तेमाल तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के लिए किया गया है। इन दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के साथ गुंडा शब्द का इस्तेमाल कई बार किया गया है।