तामलुक (पश्चिम बंगाल) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने चक्रवात फानी से हुए नुकसान के आकलन के लिए न तो उनकी फोन कॉल रिसीव की और न वापस उन्हें कॉल की।
इससे पहले दिन में पूर्वी मिदनापुर जिले के तामलुक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के आकलन के लिए एक बैठक के आग्रह को ठुकरा दिया। इस प्राकृतिक आपदा से ओडिशा में तबाही हुई है।
मोदी ने कहा, स्पीड ब्रेकर दीदी ने चक्रवात के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का अपना पूरा प्रयास किया। मैंने उनसे यहां की स्थिति की जानकारी के लिए फोन पर बात करने की कोशिश की। लेकिन यह उनका अहंकार ही है कि उन्होंने मुझसे बात करने से इनकार कर दिया। मैं उनके कॉल का इंतजार करता रहा, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं किया।
उन्होंने कहा, मैंने उन्हें दूसरी बार कॉल किया, क्योंकि मुझे आपदा को लेकर बंगाल के लोगों की स्थिति के बारे में चिंता थी। मैं उनसे बात करना चाहता था, क्योंकि वह मुख्यमंत्री हैं। लेकिन उन्होंने मुझसे दूसरी बार भी बात नहीं की।
मोदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो इतना अहंकार से भरी हुई हैं कि वह लोगों के कल्याण से पहले अपनी राजनीति को रखती हैं।
उन्होंने कहा, मैं आज सुबह राज्य प्रशासन के साथ बैठक आयोजित कर चक्रवात से बंगाल में हुए नुकसान का जायजा लेना चाहता था और समझना चाहता था कि केंद्र किस प्रकार से राज्य की सहायता कर सकता है। लेकिन दीदी ने इससे भी इनकार कर दिया। क्या आप लोगों को एहसास है कि दीदी के लिए राजनीति इतनी महत्वपूर्ण है कि बंगाल के लोगों की उन्हें कोई परवाह नहीं है।
मोदी ने दावा किया कि लोगों की भलाई से परे राजनीति करने की प्रवृत्ति ने हमारे राष्ट्र को नुकसान पहुंचाया है और ममता बनर्जी के तहत बंगाल के विकास को रोकने का काम किया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजह को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पूरा देश इस घटनाक्रम को लेकर खुश और गर्व जाहिर कर रहा है, लेकिन ममता बनर्जी की तरफ से प्रशंसा का एक शब्द नहीं आया है।
उन्होंने कहा, देश भर के लोग भारत की इस उपलब्धि पर खुश हैं। लेकिन क्या आपने दीदी को इस उपलब्धि के बारे में प्रशंसा करते एक बार भी सुना? शायद उन्हें डर है कि अगर वह मसूद अजहर पर बोलीं तो उनका वोट बैंक प्रभावित होगा।