नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान फानी को लेकर की गई लोगों की निकसी और राहत कार्यो के लिए सोमवार को व्यक्तिगत तौर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की प्रशंसा की। कई मायनों में ऐसा लगता है कि भाजपा बीजू जनता दल के इस कद्दावर नेता से मेल-मिलाप बढ़ाने की कोशिश कर रही है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम ओडिशा में चुनाव प्रचार के दौरान 23 अप्रैल को पटनायक पर किए गए उनके हमले के ठीक विपरीत है। उन्होंने कहा था कि पटनायक का जाना तय है और कुछ अधिकारी उन्हें नहीं बचा सकते।
सोमवार को पांचवें चरण का मतदान समाप्त हो जाने के बाद आईएएनएस ने देश के शीर्ष सट्टा मार्केट से मिली जानकारी के आधार पर चुनाव बाद के परिदृश्य का एक सर्वे किया। आंकड़े बताते हैं कि राजग सरकार बनाने के लिए जरूरी सीट संख्या से पीछे रह जाएगा। इसका मतलब यह है कि सरकार बनाने के लिए उन क्षेत्रीय क्षत्रपों की मदद की जरूरत पड़ेगी, जो राजग में नहीं हैं।
सटोरियों के अनुसार, राजग लगभग 240 सीटें (10 कम ज्यादा) और संप्रग 145 (10 कम ज्यादा) सीटें हासिल कर सकता है। क्षेत्रीय क्षत्रपों में उत्तर प्रदेश का महागठबंधन, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति अच्छी स्थिति में हो सकते हैं।
दिल्ली के हापुड़, राजस्थान के फलौदी, मध्यप्रदेश के इंदौर, बंगाल के कोलकाता, उत्तर प्रदेश के आगरा, गुजरात के भावनगर, महाराष्ट्र के मुंबई और नागपुर में मौजूद सट्टा बाजार अभी भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग पर दांव लगा रहे हैं कि यह सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरेगा, और संपग्र से काफी आगे होगा।
राजग को सबसे बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश में हो सकता है, जहां 2014 में उसने 73 सीटें जीती थी। सटोरियों का मानना है कि इस बार राजग को बहुजन समाज पार्टी-समाजवादी पार्टी के महागठबंधन से चुनौती मिलेगी, फिर भी राजग 40 सीटें जीत सकता है, और बसपा-सपा को लगभग 34 सीटें मिलेंगी।
सटोरियों का कहना है कि बिहार में भी राजग को नुकसान होगा, और इस बार भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को लगभग 25 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन को 15 सीटें मिलने की संभावना है। इसी तरह महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश में भी इस बार पिछली बार के मुकाबले कम सीटें आएंगी, और गुजरात में भी भाजपा पिछली बार का प्रदर्शन नहीं दोहरा पाएगी।
सटोरियों के अनुसार, भाजपा पश्चिम बंगाल में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है और 10 सीटें हासिल कर सकती है। हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को 22-23 सीटों की उम्मीद है। पार्टी ओडिशा में भी 10 सीटें पा सकती है, लेकिन कर्नाटक में उसे नुकसान हो सकता है।