नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बिहार के मुजफ्फरनगर आश्रय गृह में पीड़ितों के तस्करी, अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न व वीडियो रिकार्डिग के आरोपों की जांच करने के निर्देश दिए। अदालत ने जांच एजेंसी को जांच पूरी करने व उसके समक्ष तीन महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने मामले में एक अरोपी के जोर देने पर एक जगह से मानव कंकाल खोदकर निकाले जाने के बाद सीबीआई से हत्या के आरोपों की जांच करने को कहा। इससे पहले अदालत ने एजेंसी से आश्रय गृह में 11 लड़कियों की हत्या की जांच करने और तीन जून तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई को बाहरी लोगों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया। ये बाहरी लोग कथित तौर पर पीड़ितों को नशीला पदार्थ देने के बाद यौन उत्पीड़न में शामिल थे।
यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की एक रिपोर्ट के बाद बीते साल मई में प्रकाश में आया। इस रिपोर्ट में आश्रय गृह की निवासियों का यौन शोषण करने का आरोप था। इसके बाद हुए चिकित्सा जांच में 42 लड़कियों में से 34 के यौन शोषण की पुष्टि की गई।