लंदन : अपने पहले मैच में बेहतरीन जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम रविवार को आईसीसी विश्व कप-2019 के अपने अगले मैच में रविवार को मौजूदा विजेता आस्ट्रेलिया का सामना करेगी।
इस मैच के परिणाम को जानने की जितनी रोचकता प्रशंसकों में होगी, उतनी ही महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर बने सेना के चिन्ह को लेकर चल रहे विवाद को लेकर भी रोचकता बनी रहेगी।
धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में ऐसे दस्ताने पहने थे जिन पर बलिदान ब्रिगेड का चिन्ह बना हुआ था।
इस पर आईसीसी ने अपने नियमों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई थी और बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी से सेना का चिन्ह हटाने को कहे। बीसीसीआई ने हालांकि आईसीसी से धोनी को चिन्ह बनाए रखने की अनुमति मांगी थी, जिसे आईसीसी ने खारिज कर दिया था।
बहरहाल, इस विवाद को परे रखकर भारत अपने जीत के क्रम को बनाए रखना चाहेगी और कोशिश करेगी की जो गलतियां उसने अपने पहले मैच में की थी, वो उन्हें दोहराए नहीं।
भारत ने हालांकि दक्षिण अफ्रीका को लगभग एकतरफा अंदाज में मात दी थी, लेकिन फिर भी कुछ जगह ऐसी हैं जहां उसे काम करने की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर लंबी साझेदारियां।
वहीं, आस्ट्रेलिया ने अपने पिछले मैच में वेस्टइंडीज को हराया था। इस जीत के लिए हालांकि उसे संघर्ष करना पड़ा था लेकिन उस संघर्ष ने बता दिया था कि आस्ट्रेलिया क्यों कुछ ही महीनों में खिताब की दावेदार टीम के रूप में नजर आने लगी है।
79 रनों पर पांच विकेट खोने के बाद नाथन कल्टर नाइल और स्टीव स्मिथ के बीच हुई शतकीय साझेदारी ने टीम को सम्मानजनक स्कोर दिया और फिर मिशेल स्टार्क ने विंडीज के दिग्गज क्रिस गेल तथा अहम बल्लेबाजों के विकेट ले अपनी टीम की जीत दिलाई।
पहले मैच में भारतीय गेंदबाजों ने दमदार प्रदर्शन किया था। शुरुआत में जसप्रीत बुमराह ने विकेट निकाले थे तो वहीं भुवनेश्वर ने रन रोके थे। इनके बाद लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने अपनी फिरकी का कमाल दिखाया था।
आस्ट्रेलिया के लिए भारतीय गेंदबाजी चिता का सबब रहेगी। वह हालांकि मार्च में भारत को उसके घर में मात दी थी और तब उसने इन सभी गेंदबाजों को अच्छे से खेला था। यह उसके लिए मानसिक बढ़त का काम कर सकती है।
इस मैच में कुलदीप पर भी नजरें रहेंगी। पहले मैच में उन्होंने गेंदबाजी अच्छी की थी लेकिन विकेट सिर्फ एक मिला था।
भारत ने जनवरी में जब आस्ट्रेलिया में सीरीज खेली थी तब भवुनेश्वर ने आस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच का खासा परेशान किया था। इस मैच में इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता एक फिर नजरों में होगी। अगर भुवनेश्वर शुरुआत में अपनी स्विंग के दम पर फिंच का विकेट लेने में कामयाब रहे तो पांच बार की विजेता पर दबाव बनना तय है।
लेकिन भारत को यह नहीं भूलना चाहिए की आस्ट्रेलिया के पास डेविड वार्नर जैसा बल्लेबाज भी है जो बेहतरीन फॉर्म में है। वार्नर भारतीय गेंदबाजों को पसंद करते हैं। उन्हें रोकना भी भारत के लिए चुनौती होगी।
वहीं स्मिथ, उस्मान ख्वाजा, एलेक्स कैरी, ग्लैन मैक्सवेल और नाथन से भारत को बच कर रहना होगा।
गेंदबाजी की बात आती है तो भारत को इन फॉर्म स्टार्क से काफी परेशानी हो सकती है। स्टार्क ने पिछले मैच में बताया था कि वह बड़े शिकार करने के शौकिन है। उन्होंने शुरुआत में क्रिस गेल और अंत में आंद्रे रसेल, कार्लोस ब्रैथवेट और जेसन होल्डर के विकेट ले वेस्टइंडीज से जीत छीन ली थी।
स्टार्क के लिए शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली मुख्य विकेट रहेंगे। आस्ट्रेलिया जानती है कि अगर उसने भारत के शीर्ष-3 को जल्दी समेट दिया तो भारत बड़ा स्कोर नहीं कर सकता और न ही बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकता।
सिर्फ स्टार्क ही नहीं पैट कमिस पर भी यह जिम्मेदारी होगी।
लेग स्पिनर एडम जाम्पा ने भारत में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और इसी कारण वह विश्व कप टीम में जगह बना पाने में सफल रहे। एक बार फिर उन्हें अपने प्रदर्शन को दोहराना है।
जाम्पा के ऊपर मध्य में रन रोकने और विकेट निकालने की जिम्मेदारी है। मध्यक्रम में आस्ट्रेलिया को नंबर-4 पर लोकेश राहुल, केदार जाधव, धोनी और हार्दिक पांड्या का सामना करना होगा।
दोनों टीमें अपनी अंतिम-11 में बदलाव करें इसकी संभावना कम ही लगती है।
टीमें (संभावित) :
आस्ट्रेलिया : एरॉन फिंच (कप्तान), जेसन बेहरनडार्फ, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), नाथन कल्टर नाइल, पैट कमिंस, उस्मान ख्वाजा, नाथन लॉयन, शॉन मार्श, ग्लैन मैक्सवेल, केन रिचर्डसन, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, मार्कस स्टोइनिस, डेविड वार्नर, एडम जाम्पा।
भारत : विराट कोहली (कप्तान), जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, शिखर धवन, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, भुवनेश्वर कुमार, हार्दिक पांड्या, लोकेश राहुल, मोहम्मद शमी, विजय शंकर, रोहित शर्मा, कुलदीप यादव।