हैदराबाद : सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरअस) में कांग्रेस के 12 विधायकों के शामिल होने के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क की भूख हड़ताल रविवार को दूसरे दिन भी जारी रही।
उन्होंने शनिवार को 36 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की थी, लेकिन बाद में 12 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीनिवास रेड्डी पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने इसे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बदल दिया।
विक्रमार्क ने कांग्रेस विधायकों के टीआरएस का हिस्सा बनने को अलोकतांत्रिक कहा है। एक अन्य नेता व पूर्व मंत्री पोन्नाला लक्ष्मैया भी रविवार को विक्रमार्क की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में साथ देने के लिए शामिल हो गए।
विधानसभा अध्यक्ष ने छह जून को 12 विधायकों के टीआरएस में शामिल होने को मान्यता दे दी। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य में लोकतंत्र की हत्या को बढ़ावा दिया।
उन्होंने टीआरएस प्रमुख को दलित विरोधी बताया और कहा कि वह एक दलित नेता विक्रमार्क को एक विपक्ष के नेता के रूप में नहीं देख सकते।
विधायकों के टीआरअस में शामिल होने से 119 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या महज छह रह गई है। पार्टी को विपक्ष के नेता का पद भी खोना पड़ सकता है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), जिसमें सात विधायक हैं, ने विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क करने का फैसला किया है, ताकि पार्टी के नेता को विपक्ष का नेता बनाया जा सके।