मुंबई : मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने फंसी हुई संपत्तियों के समाधान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की संशोधित रूपरेखा को क्रेडिट पॉजिटिव यानी साख के लिए सकारात्मक कदम बताते हुए देश के दिवाला कोड मैकेनिज्म को समाधान की प्रक्रिया को तेज करने की सलाह दी है।
मूडीज के इन्वेंस्टर्स सर्विस की वाइस प्रेसिडेंट अल्का अन्बरसु ने कहा, फंसी हुई संपत्ति के समाधान के लिए आरबीआई की संशोधित रूपरेखा (फ्रेमवर्क) क्रेडिट पॉजिटिव है क्योंकि इससे ऐसी संपत्तियों का समय पर समाधान की आवश्यकता पर फिर से ध्यान केंद्रित किया जाएगा और उन संपत्तियों के लिए कर्ज के घाटे की प्रोविजनिंग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सर्कलुर में शामिल किए जाने से वाणिज्यिक बैंकों के साथ एनबीएफसी के संकटग्रस्त खातों के लिए कर्ज घाटे के प्रोजिविजनिंग मानक को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आईबीसी को अभी भी फंसी हुई संपत्ति का समय पर समाधान करने पर विजय प्राप्त करना है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, हालांकि ऋणशोधन अक्षमता व दिवाला कोड के तहत प्रगति अपेक्षा से कम रही है जोकि फंसी हुई संपत्ति का समय पर समाधान की राह में बाधक है। इसलिए बैंक के तुलन पत्र की सफाई में अभी भी दो से तीन साल लग सकता है।
आरबीआई ने फंसी हुई संपत्ति के समाधान के लिए सात जून को एक नई विवेकशील रूपरेखा जारी की जो 12 फरवरी 2018 को जारी आरबीआई के विवादास्पद सर्कुलर की जगह लेगी।