नई दिल्ली : नवनिर्मित मंत्रिपरिषद के साथ बुधवार शाम होनेवाली पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिशन 2022 के लिए अपनी प्राथमिकताओं पर जोर देने की उम्मीद है। इसके अलावा, वह अगले पांच सालों के लिए अपनी सरकार के रोड मैप की रूपरेखा भी तैयार करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि हर तीन महीने में, पीएम मोदी संबंधित मंत्रालयों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करेंगे। पीएम की ओर से उनके प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही केंद्र सरकार की उच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा करेंगे, जिन्हें अगले कार्यकाल के लिए दोबारा नियुक्त किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मिशन 2022 से संबंधित योजनाओं और परियोजनाओं के बारे में अधिक चिंतित हैं, जिस साल देश अपनी आजादी का 75वां वर्ष मना रहा होगा। वह सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मंत्रालयों से संबंधित अपनी प्राथमिकताओं पर भी चर्चा करेंगे। सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण विकास और नवगठित जल शक्ति मंत्रालय के लिए मोदी विशिष्ट कार्यों की रूपरेखा तैयार करेंगे।
वर्तमान में जल संकट खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में है, वहीं, पश्चिम क्षेत्र में सूखे की आशंका है, जिससे कृषि क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के एक अधिकारी के अनुसार, नई शिक्षा नीति भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने एमएचआरडी का नेतृत्व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता रमेश पोखरियाल निशंक जैसे अनुभवी हाथ में दिया है।
पहले से ही, पीएमओ और एमएचआरडी ने नई शिक्षा नीति के मसौदे पर नोट्स का आदान-प्रदान किया है। मोदी इसके अलावा भ्रष्टाचार मुक्त सरकार पर भी चर्चा करेंगे और मंत्रियों द्वारा सभी विभागों में सुचारु और स्वच्छ कामकाज सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की भी उम्मीद है। अपने दूसरे कार्यकाल में पीएम ने अपने मंत्रिपरिषद में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के कुछ बड़े नेताओं को मौका नहीं दिया, इनमें से ज्यादातर वे थे, जो किसी न किसी विवाद में शामिल थे।
मोदी ने पहले ही मंत्रालयों को अपने संबंधित विभागों के लिए पहले 100 दिनों की कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है।