नई दिल्ली : मोदी सरकार ढेर सारे कार्यक्रमों के माध्यम से देश के अल्पसंख्यकों में पैठ बनाने की दिशा में काम कर रही है। इनमें शैक्षणिक बुनियादी ढांचा, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन, वजीफा बढ़ाने की योजना शामिल हैं।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को इन कार्यक्रमों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि आगामी पांच साल का मंत्र तीन ई पर काम करना होगा, मतलब अल्पसंख्यकों की शिक्षा, रोजगार या स्वरोजगार और सशक्तीकरण।
इन योजनाओं का लक्ष्य छह अधिसूचित अल्पसंख्यक वर्गो को शामिल करना है, जिनमें मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध आते हैं।
यह बात उन्होंने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कही। उन्होंने विभिन्न पहलों के संबंध में विस्तार से बात की और कहा कि जल्द ही ये योजनाएं शुरू की जाएंगी।
नकवी ने कहा, गावों में जहां स्कूल और कॉलेज नहीं हैं, हमने फैसला किया है कि जिन क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई और छात्रावास के शैक्षणिक बुनियादी ढांचे नहीं हैं, वहां हम प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत बुनियादी ढांचों का निर्माण करेंगे।
उन्होंने कहा कि छह महीने से एक साल के भीतर शैक्षिण बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की प्राथमिकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने राज्यों के साथ समन्वय का कार्य आरंभ कर दिया है। प्रदेशों की सरकारें ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करेंगी और हम बुनियादी ढांचे के लिए धन प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम का दूसरे हिस्से के तहत अल्पसंख्यकों के बीच बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
उन्होंने कहा, अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियां आम तौर पर जल्द ही पढ़ाई छोड़ देती हैं और सामाजिक व वित्तीय कारणों व रूढ़िवादिता के चलते उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं करती हैं। इसलिए हम पढ़ो और पढ़ाओ की योजना शुरू करने जा रहे हैं।
यह योजना अगले महीने शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा, पहले अल्पसंख्यक समुदायों की 72 फीसदी लड़कियां पढ़ाई छोड़ देती थीं। यह अब 40-42 फीसदी रह गई हैं। पांच साल में हम इसे शून्य फीसदी पर लाएंगे।
नकवी ने कहा, पढ़ो और पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत हम गांव-गांव जाकर जागरूकता पैदा करेंगे। हम उनको (अल्पसंख्यकों) बताएंगे कि उनको वजीफा व अन्य प्रकार की मदद मिलेगी। इसलिए अपनी लड़कियों व लड़कों को स्कूल और कॉलेज भेजें।
उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन की कोशिश के रूप में उनके लिए खुद ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से वजीफा के लिए आवेदन करने की सुविधा होगी।
उन्होंने कहा, अल्पसंख्यकों में जागरूकता लाने और उनको प्रोत्साहित करने के लिए हम नुक्कड़ नाटकों, लघुफिल्मों और चौपालों का आयोजन करेंगे। स्कूलों को भी इस प्रयास को प्रोत्साहन देने को कहा जाएगा।
कार्यक्रम की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के मसले पर उन्होंने कहा, हम पढ़ो और पढ़ओ कार्यक्रम के तहत धर्मगुरुओं और पंचायत के प्रमुखों और सांस्कृतिक क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों को इसमें शामिल करेंगे। जागरूकता पैदा करने के प्रयास में हम सबको साथ लेकर चलेंगे।
इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदाय के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए सरकार ने आने वाले पांच साल में पांच करोड़ रुपये वजीफा देने का फैसला किया है। इनमें आधी हिस्सेदारी लड़कियों की होगी।
सरकार कौशल विकास जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अल्पसंख्यकों को 25 लाख और उससे अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के अपने वादे पूरी करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस पर हमाना ध्यान मुख्य रूप से केंद्रित होगा।