नई दिल्ली : ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को नीरव मोदी की न्यायिक हिरासत को 27 जून तक के लिए बढ़ा दिया। अदालत ने नीरव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, क्योंकि उसे संदेह है कि वह गवाहों के साथ हस्तक्षेप कर सकता है।
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने मेट्रोपोलिटन पुलिस को 27 जून को अगली सुनवाई तक उसे अपनी हिरासत में रखने का आदेश दिया।
48 वर्षीय हीरा कारोबारी करोड़ो रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के संबंध में भारत में वांछित है। नीरव मोदी को 19 मार्च को होलबोर्न से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहा है।
अदालत ने गवाहों के बयानों के साथ दखल देने के कथित प्रयासों व साक्ष्यों को कथित रूप से नष्ट करने का हवाला देते हुए नीरव मोदी की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया।
पीएनबी ने आरोप लगाया है कि नीरव मोदी व उसके संबंधी मेहुल चोकसी ने कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। इसके बाद से केंद्रीय जांच ब्यूरो व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मोदी व चोकसी की जांच कर रहे हैं।
नीरव मोदी भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत आरोपों का भी सामना कर रहा है। ईडी ने मुंबई में धनशोधन रोकथाम अधिनियम अदालत में चोकसी के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया है।
नीरव व मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में घोटाले का खुलासा होने से पहले भारत से भाग निकले थे।
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