पटना : बिहार में राजनीतिक दल किसी भी मुद्दे पर सियासत करने से नहीं पीछे नहीं रहते हैं। इस बीच, अब प्रदेश में आम पर सियासत शुरू हो गई है।
बिहार विधानसभा में जारी मानसून सत्र के दौरान विधायकों और विधान पार्षदों को पौधे लगाने के लिए जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा आम के पौधे देने के लिए विधानमंडल परिसर लाया गया। सरकार की इस पहल को लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई।
कृषि विभाग द्वारा बुधवार को सभी सदस्यों को आम की एक टोकरी और आम के दो पौधे दिए जा रहे हैं।
सरकार की इस पहल को लेकर विपक्ष अब सरकार पर निशाना साध रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इसे एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से जोड़ते हुए कहा कि एक तरफ प्रदेश में गरीब के बच्चे मर रहे हैं, वहीं सरकार आम खा रही है। उन्होंने यहां तक कहा कि जो आम खाएगा उन्हें गरीब बच्चों की हाय लगेगी।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी भाजपा और जद (यू) पर आम को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का पाप धोने के लिए आम बांटे जा रहे हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग यह आम खाएंगे, उनका पेट भी खराब हो जाएगा।
आम बांटे जाने पर घिरी सरकार की ओर से सफाई देते हुए बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा, इन दिनों पर्यावरण बेहद खतरनाक स्थिति में है। आम के पौधे वितरित कर लोगों को ज्यादा पेड़ लगाने का संदेश देने की कोशिश है, जिससे इस समस्या का समाधान हो सके।
उन्होंने कहा कि आम के पौधे वितरित करने से पौधे लगाने का संदेश पूरे राज्य में जाएगा और लोग इसे लेकर जागरूक होंगे।
गौरतलब है कि बिहार में एईएस से अब तक 160 बच्चों की मौत हो गई है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे पर अड़ी हुई है।