नई दिल्ली : भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूती से खड़ा करने के लिए विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थानों को बनाने पर जोर दिया जाएगा और इसके लिए वार्षिक बजट 2019-20 में 400 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। यह राशि पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों से तीन गुना से भी अधिक है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों में बदलने के लिए एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाएगी।
उन्होंने कहा कि जहां पांत साल पहले विश्वस्तर की रैंकिंग में शीर्ष 200 विश्वविद्यालय में एक भी भारत का संस्थान शामिल नहीं था, वहीं अब इस रैंकिंग में दो आईआईटी समेत आईआईएससी बैंगलुरू शामिल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि नई नीति वर्तमान ड्राफ्ट के रूप में स्कूल और उच्च शिक्षा, दोनों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव करेगी।
अनुसंधान और नवाचार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए वित्त मंत्री ने अनुसंधान के कोष को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना की घोषणा की।
मंत्री ने एक कार्यक्रम स्टडी इन इंडिया की घोषणा की जिसके तहत विदेशी छात्रों को देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए बुलाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में भारत के एक उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) की स्थापना के लिए मसौदा कानून प्रस्तुत किया जाएगा। इससे उच्च शिक्षा की नियामक प्रणाली को व्यापक रूप से सुधारने में मदद मिलेगी।
इसी के साथ उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल इंडिया योजना को विस्तार देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के विकास के लिए एक राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड की स्थापना की जाएगी।