नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। अदालत ने गृह मंत्रालय और विधि आयोग को 31 मई को इस मामले में नोटिस जारी किया था लेकिन फिलहाल किसी ने जवाब नहीं भेजा है।
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठी की एक खंडपीठ ने मामले की सुनवाई आठ जुलाई को तय की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है।
अपनी याचिका में उपाध्याय ने सरकार से सभी धर्मो और संप्रदायों के रीति-रिवाजों, विकसित देशों के सिविल कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों को ध्यान में रखते हुए संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत तीन महीने के अंदर यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए एक न्यायिक आयोग या उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने के लिए कहा है।
उन्होंने व्यापक सार्वजनिक बहस और प्रतिक्रियाएं लेने के लिए वह मसौदा सरकारी वेबसाइट पर कम से कम 60 दिनों तक प्रकाशित करने का निर्देश देने की मांग की है।
पीआईएल में उपाध्याय ने कहा, अनुच्छेद 44 का उद्देश्य समान नागरिक संहिता लागू कराना है, जो भाईचारा, एकता और राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है।