नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयूज) में उसकी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम होने पर कंपनी पर उसका नियंत्रण कम न हो।
उनका यह बयान शुक्रवार को बजट भाषण में उनके उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार पीएसयूज में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए वर्तमान नीति में बदलाव करेगी। सरकार चुनिंदा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसईज) का रणनीतिक विभाजन भी जारी रखेगी।
संवाददाताओं से बात करते हुए निर्मला ने कहा, कंपनी पर सरकार का 51 फीसदी नियंत्रण बताता है कि एक कंपनी में सरकार का सीधा 51 प्रतिशत अधिकार है और सरकार द्वारा संचालित संस्थान भी हैं जो अतिरिक्त हिस्सेदारी (10 फीसदी) रखते हैं।
उन्होंने कहा, सरकार अगर और खुदरा हिस्सेदारी लेने का मन बनाती है जहां कंपनी के कर्मचारी भी उसके शेयर खरीद सकते हैं, तो वहां अगर सरकार के पास 51 फीसदी हिस्सेदारी होने के बावजूद, सरकार-संचालित संस्थानों के माध्यम से अतिरिक्त हिस्सेदारी उन कर्मचारियों के लिए छोड़ी जा सकती है जो इसके शेयर खरीदना चाहते हैं, जिसके द्वारा सरकार का नियंत्रण कम नहीं होगा।
अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार संभावनाएं तलाश रही है कि क्या वह सीपीएसई के केस टू केस आधार पर अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम कर सकती है।
उन्होंने कहा, चुनिंदा पीएसयूज से रणनीतिक विनिवेश प्राथमिकता के आधार पर जारी रहेगा। उन्होंने कहा, सरकार ने सरकारी संस्थानों समेत पीएसयू से अपनी 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी कायम रखने की अपनी नीति को बदलने का निर्णय किया है।