मुंबई : एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद एम. देवड़ा ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने शहर इकाई की देखरेख के लिए तीन वरिष्ठ नेताओं के सामूहिक नेतृत्व की अस्थायी व्यवस्था की सिफारिश की है। देवड़ा के कांग्रेस में राष्ट्रीय भूमिका के लिए नई दिल्ली जाने की संभावना है।
उनके एक सहयोगी के अनुसार, 26 जून को नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के निवर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के तुरंत बाद देवड़ा ने पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की थी।
देवड़ा के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, इस बात की जानकारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों मल्लिकार्जुन खड़गे और के.सी. वेणुगोपाल को भी दे दी गई है।
देवड़ा को संजय निरुपम की जगह 2019 लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके इस कदम को निवर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष गांधी के इस्तीफे के साथ एकजुटता और सामूहिक जिम्मेदारी की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, देवड़ा ने 4 जुलाई को गांधी की मुंबई यात्रा का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि चुनावों की तैयारी के लिए उन्हें जो समय दिया गया था वह बहुत कम था और बहुत देर हो चुकी थी।
फिर भी अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को एकजुट किया और मुंबई कांग्रेस में पहचान की राजनीति को समाप्त कर दिया, इस उम्मीद में कि पार्टी एक बार फिर अपने बहुभाषी, बहुसांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक रूप से समावेशी आदर्शो पर लौटेगी।
बयान में कहा गया है कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिवसेना के गठबंधन को निर्णायक टक्कर दी।
इसमें कहा गया,अपने स्वयं के चुनाव अभियान सहित कई बाधाओं के बावजूद, देवड़ा लोकसभा उम्मीदवारों का समर्थन करने में सक्षम थे ताकि एक मजबूत लड़ाई हो सके।
देवड़ा ने दोहराया कि वह हमेशा एक विश्वसनीय और साधन संपन्न सिपाही के रूप में पार्टी की सेवा के लिए उपलब्ध हैं और राष्ट्रीय स्तर पर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं।
उन्होंने कहा कि 2019 के परिणामों के बाद से राजनीतिक वास्तविकताओं में बदलाव आया है और सभी को अपनी भूमिकाओं के लिए तैयार होना होगा, जो इस समय की मांग है।