भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जिलाधिकारी (कलेक्टर) तरुण पिथोड़े ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता का परीक्षण करने और शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए अनूठी पहल की है। इसके तहत अधिकारी और सेवानिवृत्त अधिकारी सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे। इसी क्रम में सोमवार को पिथोड़े और सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी माला श्रीवास्तव अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाने पहुंचे।
पिथोड़े ने नवीन अरेरा हाईस्कूल में कक्षा 10वीं के बच्चों को पढ़ाया और उनकी समस्याओं पर भी चर्चा की। पिथोड़े ने बच्चों से उनके सबसे कठिन विषय के बारे में पूछा तो बच्चों का जवाब था गणित, अंग्रेजी और विज्ञान उन्हें सबसे कठिन लगते हैं। बच्चों की समस्याएं सुनते ही पिथोड़े ने बच्चों को टिप्स दिए।
पिथोड़े ने बच्चों से कहा, पढ़ने से घबराएं नहीं। गणित में जितना प्रैक्टिस करेंगे, जितने सवाल हल करेंगे, उतना फायदा होगा। वहीं अंग्रेजी की मुश्किल हल करने के लिए उन्होंने ग्रुप डिस्कशन की सलाह दी।
पिथोड़े से संवाददाताओं ने इस पहल का उद्देश्य पूछा तो उन्होंने कहा, सरकारी स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो, इसलिए इसकी शुरुआत की गई है। सरकारी अफसर न सिर्फ बच्चों को पढ़ाएंगे, बल्कि उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में भी जानकारी देंगे। इस कोशिश के जरिए सरकारी स्कूलों का रिजल्ट सुधारने में भी मदद मिलेगी।
इसी तरह सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी माला श्रीवास्तव भी ओल्ड केम्पियन स्कूल में बच्चों को पढ़ाने पहुंचीं। उन्होंने बच्चों से कई सवाल किए, मगर अधिकांश बच्चे राष्ट्रपति का नाम नहीं बता पाए। श्रीवास्तव ने बच्चों को सलाह दी कि वे नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ें। इससे उन्हें विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी आसानी से हो सकेगी और उनका ज्ञानवर्धन भी होगा।
उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी पिथोड़े ने पिछले सप्ताह त्रैमासिक समीक्षा बैठक के दौरान सभी अधिकारियों से स्कूलों में जाकर पढ़ाने का आह्वान किया था, और उसी के तहत सोमवार से अधिकारयों ने स्कूलों में जाकर पढ़ाना शुरू किया है।