वाराणसी : पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत ज्यादा संजीदा दिख रहे हैं। इसलिए वह अपने संसदीय क्षेत्र में पंचवटी विकसित करने की योजना बना रहे हैं। पंचवटी में पीपल, बरगद, बेल, आंवला और अशोक के पौधों का समूह शामिल किया गया है।
वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी दौरे के दौरान काशी के प्रत्येक गांव में पंचवटी स्थापित करने की इच्छा जताई। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों की सरकारी जमीनों को चिन्हित कर लिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के दिशानिर्देश पर तय मानक पर पंचवटी की स्थापना शुरू कराई जाएगी।
विद्यापीठ ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) रमाकांत तिवारी ने बताया, ग्राम समाज की जमीनों पर इन पौधों को एक विशेष कोण पर रोपा जाएगा। पौधे लगने के पांच साल बाद विशेष कोण में लगे पौधों के केंद्र में वर्गाकार वेदी का निर्माण किया जाएगा। 39 पौधों की पंचवटी का औषधीय, पर्यावरणीय, धार्मिक महत्व भी है।
उन्होंने बताया, इसकी कार्य योजना तैयार हो गई है। पंचवटी गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा। तालाब किनारे भी इसे विकसित किया जाएगा। इसके अलावा गांव में समूह के बैठने के लिए पत्थर की कुर्सियां और छायादार वृक्ष लगाए जाने हैं।
रमाकांत ने बताया कि पंचवटी में ऐसे पौधों को लगाया जाना है, जिनका औषधीय और धार्मिक महत्व हो। ऐसे पौधों की लोग रक्षा भी करेंगे। उनका पालन पोषण भी करेंगे।
उन्होंने बताया, सरकारी जमीन पर चारों दिशाओं के अनुसार पौधे लगाए जाएंगे। बीच में चार बेल का पौधा, चारों कोनों पर एक-एक बरगद का पौधा, गोलाकार रूप में 25 अशोक के पौधे, दक्षिण दिशा में आंवला के दो पौधे और पीपल के चार पौधे चारों दिशाओं में लगाए जाएंगे। पांच साल बाद पंचवटी के बीच में वेदी का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने बताया, एक दिवसीय दौरे पर शनिवार को काशी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचवटी की परिकल्पना को काशी से साकार करने की पहल की। पर्यावरणीय पूर्णता के प्रतीक पंचवटी को काशी के हर गांव में स्थापित करने की इच्छा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय अधिकारियों से उन्होंने जताई।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, वाराणसी जिले की 760 ग्राम पंचायतों में पंचवटी की स्थापना के लिए ग्राम समाज की भूमि चिन्हित की जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, काशी में पंचवटी की स्थापना का काम पूरा होने के बाद इसे उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के ग्राम पंचायतों में स्थापित किया जाएगा। इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से पूरी कार्ययोजना जारी की जाएगी।