बेंगलुरू : एक तरफ लोकसभा में विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक में जद (एस)- कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिराना चाहती है, वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की।
कर्नाटक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति के विरोध में विपक्ष ने संसद से बहिर्गमन कर दिया। सिद्धारमैया ने यहां कहा, भाजपा ने हमारे विधायकों को तोड़ने के लिए पैसे का इस्तेमाल किया है। एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी एक घंटे का धरना देगी और इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार से मिलेगी और मंत्रिमंडल का पुनर्गठन भी करेगी।
पिछले दो दिनों से राज्य की राजनीति में उथल-पुथल के कारण सत्तारूढ़ गठबंधन दलों ने आपस में और सहयोगी दलों से मिलकर महत्वपूर्ण वार्ताएं की हैं और ऐसे में भाजपा की शोभा करांदलाजे ने कहा कि राजनीतिक संकट के और गंभीर होने पर सिर्फ राज्यपाल ही कदम उठा सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने मामले को सूचीबद्ध किया है वहीं इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के बागी विधायकों ने पार्टी की विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक में भाग नहीं लिया।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस और जद-एस के 14 विधायकों के इस्तीफा देने से गठबंधन सरकार के बहुमत खोने के बाद विपक्षी भाजपा मंगलवार को दिनभर प्रदेश व्यापी प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के इस्तीफे की मांग कर रही है।
भाजपा के प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने यहां आईएएनएस से कहा, कुमारस्वामी का इस्तीफा लेने के लिए हमारे नेता और कार्यकर्ता सभी जिलों के मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के इस्तीफा देने और उनके अल्पमत में आने के बाद उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इस्तीफा देने वाले 14 विधायकों में 11 कांग्रेस के और जनता दल-सेकुलर (जद-एस) के तीन विधायक हैं।