नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कर्नाटक के और पांच बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई को सहमत हो गया। बागी विधायकों ने यह याचिका विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार के इस्तीफों को स्वीकार नहीं करने फैसले के खिलाफ दी है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने उल्लेख किया कि वे चल रही सुनवाई में पक्षकार के रूप में शामिल होना चाहते हैं। इसी तरह की एक याचिका 10 कांग्रेस विधायकों द्वारा पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए कल का समय निर्धारित है।
अदालत ने याचिका मंजूर की और कहा कि वह इस याचिका पर मंगलवार को इसी तरह की दूसरी याचिका के साथ सुनवाई करेगा। विधायक के.सुधाकर, रोशन बेग, एम.टी.बी.नागराज, मुनिरत्न व आनंद सिंह ने अदालत से कहा कि वह एक पक्षकार के तौर पर सुनवाई में शामिल होना चाहते हैं, ताकि अदालत समान अर्जी पर कई बार सुनवाई करने से बच सके।
विधायकों ने कहा कि जनप्रतिनिधि के तौर पर अपने पद से इस्तीफा देना उनका मौलिक अधिकार है। विधायकों ने एक याचिका में कहा, किसी चुने हुए विधायक को अपनी अंतरात्मा या परिस्थिति के आधार पर विधायिका की सदस्यता से इस्तीफा देने का अधिकार है।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई को उनके मौलिक अधिकारों का हनन बताया है। उन्होंने आशंका जताई कि अगर इस्तीफों को लंबित रखा गया तो उन्हें अयोग्य करार दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोग्य करार देने की धमकी पर उन्हें सरकार को समर्थन देने के लिए धमकाया जा रहा है।
आनंद सिंह ने एक जुलाई को, मुनिरत्न ने 6 जुलाई को और बाकी तीन विधायकों ने 10 जुलाई को इस्तीफा दिया था। बेग को कांग्रेस से 19 जून को निलंबित किया गया था।
इससे पहले 10 विधायक पहले ही शीर्ष अदालत से संपर्क कर विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश देने का आग्रह कर चुके हैं। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कर्नाटक के 10 विधायकों की याचिका के संदर्भ में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।