नई दिल्ली : पूर्व राज्यसभा सांसद, उद्योगपति और समाजसेवी संजय डालमिया का कहना है कि पिछले कुछ वर्षो में भारत ने अपने वैश्विक कद को बढ़ाया है और धार्मिक असमानताओं को पीछे छोड़कर एक एकजुट राष्ट्र (युनाइटेड इंडिया) के रूप में उभरा है।
डालमिया ग्रुप ऑफ कम्पनीज के चेयरमैन संजय डालमिया मानते हैं कि बीते कुछ सालो में पूरा देश लोक कल्याण के माध्यम से एकजुट हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारोंे ने कई लोक कल्याणकारी योजनाओं को न सिर्फ शुरू किया है बल्कि उन पर गम्भीरता से काम भी किया है।
आईएएनएस से खास बातचीत में डालमिया ने कहा, जाति, पंथ और धर्म से विभाजित एक देश से हटकर, भारत अब लोक कल्याण के माध्यम से एकजुट हो रहा है। पिछले कुछ वर्षो से भारत सरकार का उद्देश्य बड़े पैमाने पर समाज को लाभ देना और गंभीर मुद्दों को हल करना है। विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा की गई विभिन्न पहलों ने जाति/धर्म के अंतर होने के बावजूद बार-बार भारतीय नागरिकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
अपने लोक हितकारी कार्यो के लिए मशहूर डालमिया ने कहा कि भारत की केंद्र और राज्य सरकारों की बहुत सारी योजनाएं उनकी इस बात को साबित करती हैं। उन्होंने कहा, मनरेगा को ही लीजिए। इसके माध्यम से बेरोजगारों के काम करने के लिए प्रत्येक घर में कम से कम 100 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा समाज के निम्न आय वर्गो को लक्षित करती प्रधानमंत्री जीवनज्योति बीमा योजना और बैंक खातों, रेमिटेंस, ऋण, बीमा और पेंशन जैसी और भी अनेक वित्तीय सेवाओं की पहुंच को आगे बढ़ाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) लोक कल्याण की दिशा में किए गए शानदार प्रयास हैं।
डालमिया ने कहा कि न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों ने भी बीते कुछ सालों में लोककल्याण की दिशा में सराहनीय काम किए हैं और इससे लोगों का सरकारों पर विश्वास बढ़ा है।
बकौल डालमिया, समाजवादी पेंशन योजना ने यूपी में 45 लाख से अधिक महिलाओं की मदद की है। उत्तर प्रदेश सरकार की मुफ्त लैपटॉप योजना का उद्देश्य डिजिटल डिवाइड को दूर करना था और राज्य के युवाओं को सशक्त बनाना था। उज्जवला योजना के तहत नागरिकों को काफी लाभ हुआ है। तमिलनाडु सरकार द्वारा निर्मित अम्मा कैंटीन, गरीबों और जरूरतमंदों के लिए की गई एक बड़ी पहल है। ये तमाम पहल एकीकृत होकर विकास की ओर अग्रसर भारत की निशानी हैं।
डालमिया ने कहा कि किसानों की चिंताओं के मद्देनजर सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं और पहल भी शुरू कीं क्योंकि एक राष्ट्र का विकास सीधे तौर पे उनकी भलाई से ही जुड़ा है, यह स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने कहा, मुख्य रूप से वर्षा सिंचित क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उपयुक्त उपायों के माध्यम से कृषि में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय कृषि मिशन (एनएमएसए) शुरू किया गया था। अपने प्रमुख उद्देश्य हर खेत को पानी के साथ, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को जल स्रोतों, वितरण नेटवर्क और खेत स्तर के अनुप्रयोगों के माध्यम से उचित सिंचाई सप्लाई की श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए लॉन्च किया गया था। इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना शानदार पहल हैं। इन सब प्रयासों का असर अब समाज पर दिखने लगा है और इससे राष्ट्र के रूप में भारत को फायदा पहुंचता दिख रहा है।
खुद डालमिया द्वारा गठित डालमिया सेवा ट्रस्ट मानव कल्याण की विविध गतिविधियों-स्वच्छ पेयजल, स्वास्थ्य, स्वच्छता के क्षेत्रों में संलग्न है। डालमिया ने दिव्यांग एवं गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए-मासूम नाम से एक स्कूल खोला है, जो समाज में शिक्षा का अलख जगा रहा है।
संजय डालमिया का कहना है कि इस तरह की जन कल्याणकारी योजनाओं से निश्चित रूप से, सरकार की पहलों का सफल प्रभाव देश की समग्र और निष्पक्ष प्रगति के तौर पर अच्छी तरह से सामने आ रहा है और समाज के हर वर्ग द्वारा इसका स्वागत किया जाना चाहिए।