प्रदीप शर्मा
भारत के प्राचीन शहर मामल्लापुरम यानी महाबलीपुरम में आज दुनिया के दो ‘महाबलियों’ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात हुई। पहले से तय था कि यह मुलाकात अनौपचारिक है और जब दोनों नेता मिले तो उनके पहनावे से लेकर हावभाव में कोई प्रोटोकॉल आड़े नहीं आया। तमिलनाडु के पारंपरिक परिधान धोती और हाफ शर्ट में मोदी थे तो सफेद शर्ट और पैंट में थे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग। मोदी ने सड़क पर ही चीन के राष्ट्रपति की अगवानी की और फिर अगले एक घंटे तक शी को महाबलीपुरम के प्राचीन मंदिरों, झुकी चट्टान जैसी भारत की अनमोल विरासत को दिखाया। दरअसल, मामल्लापुरम का चीन से 1700 साल पुराना कनेक्शन है। माना जा रहा है कि प्राचीन विरासत को दिखाते हुए पीएम ने चीनी राष्ट्रपति को इसके बारे में भी बताया।
दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों के लिहाज से चीनी राष्ट्रपति का यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए पहुंचे पीएम मोदी ने पारंपरिक तमिल परिधान वेष्टि (लुंगी) में पहुंचे। चीनी राष्ट्रपति भी कैजुअल सफेद शर्ट और पैंट में पहुंचे। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। शी के स्वागत के लिए भारत की ओर से खास इंतजाम भी किए गए हैं। वुहान में चीन के राष्ट्रपति ने जिस तरह से पीएम मोदी का ग्रैंड वेलकम किया था, कुछ उसी तरह से चीनी राष्ट्रपति का महाबलीपुरम में स्वागत किया गया।
दोनों शीर्ष नेता ममल्लापुरम में तीन स्मारकों का दौरा किया। इसमें अर्जुन की तपस्यास्थली, पंच रथ और शोर मंदिर शामिल हैं। शोर मंदिर में सांस्कृतिक नृत्य की लुत्फ भी चीनी राष्ट्रपति ने उठाई। यह सांस्कृतिक नृत्य भारत के प्रसिद्ध सांस्कृतिक नृत्य समूह कलाक्षेत्र द्वारा पेश किया गया जिसे मशहूर क्लासिकल डांसर और ऐक्टिविस्ट रुक्मणि देवी ने 1936 में गठित किया था।
अर्जुन की तपस्यास्थली का भ्रमण करने पीएम मोदी और शी चिनफिंग पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच काफी अच्छी बॉन्डिंग देखने को मिली। पीएम मोदी ऐतिहासिक स्थल के बारे में शी को कुछ बताते हुए भी नजर आए। इस दौरान दोनों ही नेताओं के बीच लंबी बातचीत होती दिखी और शी काफी ध्यान से पीएम मोदी की बात सुनते नजर आए।
पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने कृष्णा बटर बॉल का भ्रमण किया। 250 टन का यह प्राकृतिक चट्टान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस चट्टान के बारे में कहा जाता है कि 1200 साल से यह एक ही स्थान पर स्थित है। पीएम मोदी और शी के बीच ऐसा लग रहा है कि चट्टान को लेकर कुछ चर्चा हुई। पीएम हाथ के इशारे से चट्टान के बारे में कुछ बताते हुए नजर आए। इसके बाद शी ने मुस्कुराकर कुछ उत्तर दिया। कैमरे के सामने दोनों नेताओं ने हाथ ऊपर उठाकर अभिवादन भी किया।
पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने साथ में पंच रथ का भ्रमण किया। महाभारत के पात्रों के नाम पर पंच रथ बनाया गया है। इस दौरान पीएम और चीनी राष्ट्रपति ने कैमरे के सामने पोज भी दिया। कहा जाता है कि 7वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने इसका निर्माण कराया था। इस पंच रथ को अद्भुत वास्तुकला के साथ संतुलन के लिहाज से अद्भुत माना जाता है। पंच रथ देखने के बाद कुछ देर के विश्राम के लिए मोदी और शी बैठे। इस दौरान भी पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति से कुछ चर्चा करते नजर आए और शी गंभीरता से उन्हें सुनते दिखे।
विश्राम के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के लिए नारियल पानी दिया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने खुद अपने हाथों से नारियल का पानी और टिशू शी को बढ़ाया। इस दौरान दोनों नेताओं ने अपने साथ मौजूद एक चीनी स्टाफ से कुछ चर्चा की और नारियल पानी का लुत्फ उठाया।
समुद्र किनारे स्थित शोर मंदिर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी और शी चिनफिंग। इसके पूरब और पश्चिम दोनों ही दिशाओं में शिवमंदिर हैं जिनमें गर्भगृह और शिवलिंग स्थापित है। दोनों मंदिरों के बीच में एक छोटा सा मंदिर है जिसमें लेटे हुए विष्णु हैं। मंदिर प्रांगण में शास्त्रीय संगीत भी गूंज रहा था। शाम की सुंदर बेला में पीएम और शी ने ऐतिहासिक मंदिर का भ्रमण किया। समुद्री हवा और नमक के परिवेश के कारण मंदिर के पत्थर काफी धूमिल से हो गए हैं। पत्थरों पर कई सुंदर कलाकृति भी है, जिसकी ओर पीएम मोदी ने खास तौर पर इशारा किया।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और कश्मीर पर चीन के लगातार विरोधाभासी बयानों के बीच चेन्नै के नजदीक ममल्लापुरम में मोदी-शी शिखर बैठक काफी अहम है। वुहान के बाद दूसरी इनफॉर्मल समिट के अजेंडे में व्यापार, आसियान देशों के साथ प्रस्तावित फ्री ट्रेड, सीमा विवाद और 5 जी का मुद्दा प्रमुख होगा। कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है, लिहाजा पीएम मोदी इसकी चर्चा नहीं करेंगे। अगर शी चिनफिंग इसे छेड़ते हैं तो भारत उन्हें पक्ष से वाकिफ कराएगा।