प्रदीप शर्मा
देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को तीन बड़े मामलों पर अपना फैसला सुनाया. केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर विवाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अदालत की अवमानना और राफेल विमान सौदे पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. राहुल और राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला साफ है, लेकिन सबरीमाला विवाद को अदालत ने बड़ी बेंच को सौंप दिया है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने सबरीमाला विवाद को बड़ी बेंच के सामने भेजने का फैसला किया है। अब इस विवाद की सुनवाई 7 जजों की बेंच करेगी. 5 जजों वाली बेंच ने 3:2 के अनुपात से इस मामले को बड़ी बेंच को भेजा है, हालांकि इस दौरान सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच में जस्टिस नरीमन, जस्टिस चंद्रचूड़ ने तीन जजों से अलग राय रखी. जस्टिस नरीमन का मानना था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी के लिए बाध्य है, इसे लागू करने में कोई ऑप्शन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबरीमाला मंदिर पर फैसले का असर सिर्फ यहां तक सीमित नहीं रहेगा, इसका असर अन्य धर्मों में चल रही प्रथा पर भी पड़ेगा। अपने पिछले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया था।
राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई पुनर्विचार याचिकाओं का कमजोर दलीलों का हवाला देकर खारिज कर दिया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, वकील प्रशांत भूषण ने इस याचिका को दायर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि उन्हें नहीं लगता है कि इस मामले में किसी एफआईआर या जांच किए जाने की जरूरत है।
पुनर्विचार याचिका में राफेल विमान सौदे की प्रक्रिया, दाम पर सवाल खड़े किए गए थे. पिछले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए अदालत इसमें दखल नहीं देगा. इस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने फैसला सुनाया है।
लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में राहुल गांधी ने बयान दिया था कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. इसी को लेकर राहुल के खिलाफ बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कोर्ट की अवमानना का केस दाखिल किया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की माफी स्वीकार कर ली है. हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने राहुल को नसीहत भी दी है कि भविष्य में बयान देते वक्त सतर्कता बरतें।
सुप्रीम कोर्ट ने ये नसीहत न सिर्फ राहुल गांधी को बल्कि सभी नेताओं के लिए दी है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि राजनीतिक बयानबाजी में अदालत को ना घसीटें. इस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया।