प्रदीप शर्मा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2020-21 का भाषण दिया. वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने दूसरी बार बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने GST का जिक्र करते हुए कहा कि इससे डरावना इंस्पेक्टर राज खत्म हो गया है. बैंकिंग सिस्टम में सुधार आया है जिससे बैंकों की हालत में सुधार हुआ है. अब तक 40 करोड़ का जीएसटी फाइल हो चुका है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम करदाताओं को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं, और उनकी झोली भर गई है. सरकार इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ा दी है. आयकर छूट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 5 लाख तक आमदनी वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 5 से 7.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को अब 10 फीसदी टैक्स देना होगा, जिसे अब तक 20 फीसदी देना होता था।
जिनकी आमदनी 7.50 लाख से 10 लाख रुपये तक है, उन्हें अब 15 फीसदी टैक्स होना होगा. 10 से 12.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को 20 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा, जिसे अब तक 30 फीसदी देना पड़ता है। 12.50 लाख से 15 लाख रुपये की आमदनी वालों को 25 फीसदी टैक्स देना होगा, जिन्हें अब तक 30 फीसदी तक लगता था. वहीं जिनकी आमदमी 15 लाख रुपये से ज्यादा है, ऐसे लोगों को 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
शिक्षा बजट
बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 99300 करोड़ रुपये की घोषणा की है. ये राशि बीते वित्त वर्ष 2019-20 से करीब पांच करोड़ रुपये अधिक है. बीते वित्त वर्ष 2019-20 में शिक्षा क्षेत्र को 94,853.64 करोड़ रुपये दिए गए थे। बजट में कहा गया कि मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू किए जाएंगे. इन संस्थानों में स्किल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए डिग्री लेवल ऑनलाइन स्कीम शुरू होगी।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाने और उसके लिए फंड देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इन संस्थानों से साइबर फारेंसिक पढ़ाया जा सकेगा। उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार काम कर रही है, अब दुनिया के छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए सुविधाएं दी जाएंगी. भारत के छात्रों को भी एशिया, अफ्रीका के देशों में भेजा जाएगा. राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, ताकि प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को प्रोफेशनल बातों के बारे में सिखाया जा सके.
वित्तमंत्री के अनुसार जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज बनाने की भी योजना है. उन्होंने डॉक्टरों की कमी का हवाला देते हुए कहा कि इस योजना से जिला अस्पतालों से डॉक्टर तैयार होंगे. उन्होंने कहा कि देश में टीचर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की भी जरूरत है. स्वास्थ्य और कौशल विकास मंत्रालय इसके लिए जल्द ही ब्रिज कोर्स शुरू होगा।
किसानों को बजट 2020 से लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने को लेकर प्रतिबद्ध है. किसानों के लिए नए बाजार को खोलने की जरूरत है, ताकि उनकी आय को बढ़ाया जाएगा. किसानों के लिए वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 16 सूत्री योजना का ऐलान किया.
बजट में किसानों के लिए फोकस करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की ओर से किसानों के लिए कई बड़ी योजनाओं को लागू किया गया है. सरकार की ओर से कृषि विकास योजना को लागू किया गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करोड़ों किसानों को फायदा पहुंचाया गया। देश के 20 लाख किसानों को दिया जाएगा सोलर पंप।
हेल्थ बजट
इस बार मोदी सरकार ने स्वास्थ्य योजनाओं के लिए 69,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है जिसमें से पीएम जन आरोग्य योजना के लिए 6400 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ‘मिशन इंद्रधनुष’ में नई बीमारियों और नई वैक्सीन को शामिल किया जाएगा. ‘फिट इंडिया’ भी इसी का हिस्सा होगा. मोदी सरकार की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना आयुष्मान भारत को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में इस योजना से 20,000 अस्पतालों को जोड़ा गया है और अब इसका विस्तार टियर-2 और टियर 3 शहरों में भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि योजना के विस्तार से इन इलाकों के गरीबों को भी योजना का लाभ मिल सकेगा।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि जिन क्षेत्रों में कोई अस्पताल नहीं हैं, वहां पीपीपी (निजी-सरकारी साझेदारी मॉडल) के जरिए नए अस्पताल बनाए जाएंगे. ऐसे 112 जिलों को चिह्नित किया जाएगा और उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सीतारमण ने भारत को 2025 तक टीबीमुक्त कराने का भी संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि टीबी के खिलाफ देश भर में अभियान शुरू किया जाएगा. उन्होंने ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ का नारा भी दिया।
रेल बजट
इस बजट में रेलवे के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे की कमाई बहुत कम है. इसलिए सौर ऊर्जा तैयार करने के लिए रेलवे की जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा। देश में तेजस जैसी और ट्रेनें चलाई जाएंगी. तेजस ट्रेनों के जरिये पर्यटन स्थलों से जोड़ा जाएगा. 550 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है. देश भर में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को खत्म कर दिया गया है।
27 हजार किलोमीटर ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा. सोलर पावर ग्रिड रेल पटरी के किनारे बनाने का प्लान है. 148 किलोमीटर बेंगलुरू ऊपनगरीय ट्रेन सिस्टम बनेगा. इस पर कुल 18 हजार 600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. जिसमें 25 फीसदी केंद्र सरकार देगी।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल बजट को पेश करते हुए साफ, सुरक्षित और समयबद्ध रेल यात्रा का मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि आदर्श किराया कानून बनाया जाएगा और रेलवे में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) का इस्तेमाल किया जाएगा. निर्मला सीतारमण ने बताया कि रेलवे इन्फ्रा को 2018 से 2030 के बीच 50 लाख करोड़ के निवेश की आवश्यकता होगी. इसके लिए निजी भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
बैंक डूबने पर भी अब सरकार देगी 5 लाख
पीएमसी बैंक घोटाले के सामने आने के बाद से बैंकों में ग्राहकों की जमा राशि के भविष्य को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इस बहस के बीच आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, बैंक खातों में जमा रकम पर इंश्योरेंस गारंटी की सीमा बढ़ा दी गई है। अगर कोई बैंक डूब जाता है तो उसके जमाकर्ताओं को अधिकतम 1 लाख रुपये की राशि सरकार देती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. आम बजट में ऐलान के बाद अब बैंकों में जमा रकम पर अब 5 लाख रुपये की इंश्योरेंस गारंटी मिलेगी. बजट में ये भी कहा गया है कि जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हो, इसके लिए एक बेहतरीन तंत्र बनाया जा रहा है. बैंकों का विलय इसी दिशा में कदम है. उन्होंने कहा कि IDBI बैंक में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी।