प्रदीप शर्मा
निर्भया केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की अर्जी ठुकरा दी है. कोर्ट ने निचली कोर्ट का आदेश रद्द करने से इनकार किया है. कोर्ट रूम में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे. दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने कहा, ”हम पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं. हमें ये कहने में कोई झिझक नहीं है कि दोषियों ने मामले को लंबा खींचा. अपील और पुनर्विचार याचिका दाखिल करने में भी देरी की. दोषी लगातार जीने के अधिकार का हवाला देकर बचते रहने की कोशिश करते रहे.”
जज ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि निर्भया के साथ दोषियों ने जो कुछ किया, वो बेहद अमानवीय था. हाईकोर्ट ने कहा, दोषी एक हफ्ते में अपने सारे उपाय पूरे करें. दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी और संबंधित विभाग के कार्रवाई से नाखुशी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि जब मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट दोषियों की याचिका को खारिज करता है तो कोई भी संबंधी विभाग ने डेथ वारंट जारी कराने की कोशिश नहीं की, जिसका फायदा दोषियों ने बखूबी उठाया।