लोकराज डेस्क
उन्नाव रेप मामले में दोषी बीजेपी के निष्काषित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पीड़िता की पिता की मौत के मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर समेत 7 दोषियों को 10 साल की जेल की सजा के साथ 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी कुलदीप सिंह सेंगर ने दलील दी थी कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए और उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाना चाहिए।
3 मार्च को कुलदीप सिंह सेंगर को आपराधिक साजिश (120 बी) के तहत दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने कहा था कि कुलदीप का हत्या का इरादा नहीं था लेकिन पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा गया। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पुलिस कॉन्स्टेबल अमीर खान को बरी कर दिया था। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 11 आरोपी थे। इनमें से 4 को बरी कर दिया गया था। बाकी 7 को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत का दोषी माना था। कोर्ट ने अपने आदेश में एसएचओ अशोक भदौरिया और सब इंस्पेक्टर केपी सिंह को भी दोषी ठहराया था।
बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल 2018 में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। इस मामले में सीबीआई कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य लोगों के खिलाफ हत्या के आरोपों की जांच कर रही थी। इस मामले में सीबीआई ने आरोपों को साबित करने के लिए पीड़िता की मां, चाचा, बहन और पिता के सहकर्मी समेत 55 लोगों के बयान दर्ज किए थे। जबकि बचाव पक्ष ने 9 गवाह पेश किए थे।