प्रदीप शर्मा
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 101 दिन से चल रहे लगातार प्रदर्शन को खत्म कर दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के चलते जगह को खाली कराय. इस दौरान मौजूद महिलाओं समेत कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. पुलिस के कई बार समझाने के बावजूद प्रदर्शनकारियों का एक तबका उठने को तैयार नहीं था. देरा रात पुलिस ने कार्यवाही कर 101 दिन से प्रदर्शन खत्म करा दिया है. प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदर्शन खत्म कराया गया. शाहीन बाग से कुल 9 लोग हिरासत में लिए गए. जिसमें 6 महिलाएं और 3 पुरुष है. दिल्ली में कर्फ्यू और सेक्शन 144 को देखते हुए कार्रवाई की गई. आवश्यक वस्तुओं और इमेरजेंसी वाहनों के आवागमन में दिक्कत न हो इसलिए कार्रवाई हुई।
बताते चले कि कोरोना वायरस के चलते जनता कर्फ्यू के आह्वान के बीच दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को बंद करवाने को लेकर रविवार को दो गुट आपस में भिड़ गए थे. दोनों पक्षों में करीब आधे घंटे तक मारपीट और गालीगलौज हुई. एक पक्ष चाहता था कि पीएम के जनता कर्फ्यू के ऐलान का समर्थन किया जाए जबकि दूसरा पक्ष इसे मानने को तैयार नहीं था. इसी बात पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई. हालांकि, बाद में मामला शांत करवा दिया गया था. बवाल के वक़्त स्टेज जिस से लोग भाषण देते हैं उसमें रखे समान को भी एक बार भीड़ ने उठा लिया था।
शाहीन बाग धरने के पास पुलिस बैरिकेड पर किसी ने पेट्रोल बम फेंका, जिससे विस्फोट हुआ था. पुलिस बैरिकेड पर पेट्रोल बम मारे जाने की वजह से कोई घायल नहीं हुआ. पुलिस का कहना है कि कोई शाहीन बाग के अंदर से गली से आया, जहां बाहर पुलिस हैं वहां से नहीं आया. शाहीन बाग में जिस शख्स ने पेट्रोल बम फेंका उसने जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर भी गेट नम्बर 7 के सामने बम फेंका. इसमें कोई घायल नहीं हुआ. पेट्रोल बम फेंकने वाला शख्स बाइक पर सवार था।