प्रदीप शर्मा
केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए बुधवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया है. यह अधिनियम आज देश में पहली बार लगाया गया है. इससे केंद्र ने राज्यों में कोरोनावायरस के खिलाफ जंग को अपने नियंत्रण में ले लिया है. आमतौर पर स्वास्थ्य से जुड़े मामले राज्य सरकार के अधीन आते हैं. कोरोनावायरस को देश के लिए खतरा बताते हुए गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस संबंध में जरूरी कदम उठाएगा. देश में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 562 हो गई. अब तक 9 मरीजों की इस वायरस से मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी कल पूरे देश में तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। अब तक 562 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें से 43 विदेशी हैं। 40 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है। भारत सरकार की तरफ से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है, फैलने से रोकने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं। विदेशों में फंसे भारतीयों को भी सरकार वापस ला रही है।
दरअसल, पिछले दिनों 64 हजार के करीब भारतीय और विदेशी यहां आए हैं। यह बीमारी बाहर से ही भारत आई है, ऐसे में उनका लौटना खतरे की घंटी जैसा है। इसी वजह से सरकार ने पूरे भारत में लॉकडाउन और कई जगहों पर कर्फ्यू की भी घोषणा कर दी। हेल्थ मिनिस्ट्री से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि आकंड़े देखें तो कोरोना वायरस के मामले अब भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी वजह विदेश से लौटे लोग ही हैं। देश में बुधवार तक कोरोना के 562 मामले सामने आए। इनमें से 40 ठीक हो चुके हैं, वहीं 9 की मौत हो गई है।
अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन लगाने की मुख्य वजह लोगों की लापरवाही है। दरअसल विदेश से लौटे 8000 लोगों को तो 14 दिन के लिए कैंप में रखा गया है। बाकियों को होम क्वारंटाइन होने को कहा गया है। बावजूद इसके कई मामले ऐसे सामने आए हैं कि ऐसे लोग ट्रेन, सड़क पर घूमते मिले। ऐसे में वह खुद या जिनके संपर्क में वे आए कोरोना के मुख्य वाहक हो सकते हैं।
राज्यों को बताया गया कि लोगों की ओर से लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लेने को देखते हुए लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर एनडीएमए (NDMA) अधिनियम के तहत प्रावधान लागू होंगे और इसे कड़ाई से लागू किया जाएगा।