प्रदीप शर्मा
कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी कल पूरे देश में तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दीहै। अब तक 654 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें से 43 विदेशी हैं। 43 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, 13 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन किया गया है। यह लॉकडाउन 21 दिन के लिए पूरे देश में लागू किया गया है। पूरे देश में यातायात सुविधाएं ठप्प हैं। देश के सभी बाजार व्यापार कारोबार बंद है। गांव और शहरों में रहने वाले लोग घरों में कैद हैं। कोरोना वायरस ज्यादा न फैले इसके लिए सरकार ने लोगों से घर में ही रहने की अपील की है। सड़कों पर सन्नाटा सा छाया हुआ है। कोरोना वायरस का प्रकोप देख लोग डरे हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार दावा कर रही है की किराना दुकानों में रोज की जरूरत के सामान की कमी नहीं होने देगी लेकिन लॉकडाउन के दौरान ऐसे केस भी सामने आए है जहां लोगों ने बताया कि किराना दुकानों कोई स्टॉक नहीं है।
दिल्ली से सटे यूपी के वैशाली, इंद्रापुरम की कई किराना स्टोर और फल सब्जी की दुकानों में जरूरी सामान का स्टॉक ही नहीं है, वैशाली में रहने वाले कारोबारी जगतार सिंह विल्कु ने बताया कि वैशाली की कई किराना और फल सब्जी की दुकानों में जरूरी सामान की भारी किल्लत है उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को चाहिए की लॉकडाउन के दौरान ऐसी परेशानिया जनता को न झेलनी पड़े इसका इंतज़ाम सरकार जल्द और सख्ती से करे।
लॉक डाउन में सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों पर हुआ है, जो अपना घरवार छोड़कर दूसरे शहरों में काम करते थे। सहारनपुर के रहने वाले अंकित कुमार अपन घर छोड़कर मेरठ में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन हुआ तो उनकी रोजी रोटी भी बंद हो गई। जब रोजी रोटी ही नहीं रही तो अंकित ने मेरठ छोड़ अपने घर सहारनपुर लौटने का फैसला किया। लेकिन यातायात के सभी साधन बंद होने के चलते अंकित ने पैदल ही 135 किमी की यात्रा तय की। सहारनपुर पहुंचे अंकित ने बताया कि उन्होंने पूरी रात लगभग 10 घंटे पैदल यात्रा की। उन्होंने कहा, “मेरठ से 135 किलोमीटर दूर सहारनपुर में मेरा घर है। पिछले कुछ दिनों से कोई आय नहीं हुई और आने वाले महीने में कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में मेरे पास मेरठ छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।”
देहरादून में मजदूरी करने वाले मूरत लाल को लॉकडाउन के चलते खाने के लाले पड़ गए। जिसके चलते वह 800 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित अपने घर के लिए साइकिल लेकर निकल पड़े हैं। उनके साथ 8 अन्य सदस्य भी हैं, जो साइकिल पर सवार हैं। मूरत लाल ने 100 किमी की दूरी तय कर ली है और हरिद्वार पहुंच चुके हैं। मूरत लाल को अभी 700 किलोमीटर का सफर तय करना अभी बाकी है। मूरत लाल ने बताया, “हमने पिछले दो दिन में केवल एक बार ही कुछ खाया है। हम रोज कमाकर खाने वाले लोग हैं। हम सभी 8 लोगों के पास मिलाकर 2 हजार रुपये ही हैं। अगर रास्ते में रोका नहीं जाता है तो हमें घर पहुंचने में शायद 5 दिन और लगें। लेकिन अब हम वापस नहीं जा सकते हैं। लॉकडाउन के चलते देहरादून में हमारे लिए कुछ भी नहीं बचा है।”
अपना राज्य छोड़कर सीमावर्ती राज्यों में काम करने वाले लोग भी लॉकडाउन के असर ने बच नहीं पाए हैं। इन्हीं में से एक हैं मोहम्मद कासिम, जो हरियाणा के पलवल में रहते थे। लॉकडाउन के चलते न उनके पास पैसे बचे और ना काम। इसके बाद मोहम्मद कासिम के साथ पांच अन्य लोगों ने वापस अलीगढ़ लौटने का फैसला किया और 28 घंटे पैदल और लिफ्ट लेकर अपने घर पहुंचे। कासिम ने बताया कि हम लोग सड़क पर घंटों पैदल चले, कभी कोई ट्रक दिखा तो उससे लिफ्ट ले ली। लेकिन ट्रक भी थोड़ी दूरी पर उतार देते थे। ऐसे में हम लोग पैदल और ट्रकों पर सवार होने के 28 घंटों के बाद पलवल से अलीगढ़ पहुंचने में कामयाब रहे। इस दौरान हमने बिस्कुट और केले खाए क्योंकि हमारे पास खाना खाने के लिए पैसे नहीं थे।’
जबकि दिल्ली में ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर-ई रिटेलर्स के लिए सरकार ने राहत की घोषणा की है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गर्वनर अनिल बैजल ने आज बताया कि ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर और ई-रिटेलर्स को जरूरी सेवाओं की आपूर्ति की इजाजत होगी। इसके अलावा सभी जरूरी सामानों की दुकान 24 घंटे खुली रहेंगी, ताकि लोगों की भीड़ ने बढ़े। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फूड होम डिलिवरी को इजाजत दी गई है। डिलिवरी करने वाला शख्स अपना आई कार्ड दिखाकर डिलिवरी कर सकता है। मोहल्ला क्लीनिक खुले रहेंगे लेकिन ऐहतियाती उपाय जारी रहेंगे।