प्रदीप शर्मा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को सवाल किया कि यह तय करने का सरकार का मापदंड क्या है कि लॉकडाउन कितने लंबे समय तक जारी रहेगा? कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक, सोनिया ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा, ‘17 मई के बाद क्या? 17 मई के बाद कैसे होगा? भारत सरकार यह तय करने के लिए कौन सा मापदंड अपना रही है कि लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा.’ बैठक में उनकी बात का समर्थन करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘जैसा कि सोनिया जी ने कहा है कि हमें यह जानने की जरूरत है कि लॉकडाउन -3 के बाद क्या होगा?’
किसानों को लेकर सोनिया ने कहा, ‘हम अपने किसानों खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों का धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने तमाम दिक्कतों के बावजूद गेहूं की शानदार उपज पैदा करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है.’ सुरजेवाला के अनुसार बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेगा? हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. राज्यों ने प्रधानमंत्री से पैकेज के लिए लगातार आग्रह किया है, लेकिन हमें अब तक भारत सरकार से कुछ नहीं पता चला.’
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘दिल्ली में बैठे लोग जमीनी हकीकत जाने बिना कोविड-19 के जोनों का वर्गीकरण कर रहे हैं, जो चिंताजनक है.’ पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा कि वित्त के मामले में राज्यों की हालत बेहद खराब है लेकिन केंद्र उन्हें कोई धनराशि आवंटित नहीं कर रहा है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां 80 फीसदी लघु उद्योग फिर से शुरू हो गए हैं और लगभग 85,000 श्रमिक काम पर लौट आए हैं. बता दें कि सीएम बघेल ने केंद्र से आर्थिक पैकेज के लिए कई बार पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं।
पंजाब की तरह ही पुडुचेरी ने भी केंद्र द्वारा जोन के वर्गीकरण पर आपत्ति जताई है. मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा,’बिना राज्य सरकारों की सलाह के भारत सरकार जोन का वर्गीकरण कर रही है. दिल्ली में बैठे लोग राज्यों की हालत को नहीं बता सकते हैं. जोन बंटवारे में किसी भी राज्य या मुख्यमंत्री से परामर्श नहीं किया जाता है. क्यों?