प्रदीप शर्मा
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में लागू लॉकडाउन को लेकर सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्यमत्रियों के साथ संवाद किया. इस दौरान देश के 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की जोरदार वकालत की है तो गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों के सीएम ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए लॉकडाउन में राहत देने की बात उठायी. ऐसे में माना जा रहा है कि लॉकडाउन के अगले चरण की कमान राज्य सरकारों को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोमवार को हुई मुख्यमंत्रियों की लंबी चर्चा में बिहार, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र ने खुलकर लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसके बिना नहीं चल सकता है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लॉकडाउन बढ़ाने की बात उठायी तो तमिलनाडु ने भी रेल और हवाई सेवा से साफ मना कर दिया. राजस्थान की ओर से रेड जोन में पूरी पाबंदी का सुझाव आया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के साथ बातचीत में कहा कि लॉकडाउन पर केंद्र का जो निर्णय होगा वो मान्य है लेकिन एक सुझाव है कि इसे इस महीने के अंत तक रखा जाए. ताकि बाहर से आ रहे लोगों को संभालने में हमें सहूलियत हो और अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके. उन्होंने कहा, बिहार सरकार का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद बड़ी संख्या में राज्य में आने वाले लोगों से कोराना संकट और गहरा सकता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लॉकडाउन आगे बढ़ाने का समर्थन किया. उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि जब भारत सरकार ने सीमाओं को खोलना, ट्रेनों को शुरू करने और हवाई अड्डों को खोलने सहित लगभग सब कुछ खोल दिया है, तो ऐसे में लॉकडाउन को जारी रखने का क्या तर्क है? उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल अच्छा काम कर रहा है. केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया गया तो कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो जाएगा. ठाकर ने मोदी से स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाबंदियों के बिना संक्रमण का प्रसार नहीं रोका जा सकता है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मई में मामले चरम पर होने की उम्मीद है, ये जून या जुलाई में भी चरम पर पहुंच सकते हैं. मैंने पढ़ा है कि वुहान में मामलों की दूसरी लहर देखी जा रही है, यहां तक कि WHO ने इस बारे में चेतावनी दी है. इसलिए, मेरा सुझाव है कि लॉकडाउन पर कोई भी कार्रवाई सावधानी से की जानी चाहिए।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लॉकडाउन फिर से बढ़ाने की वकालत करते हुए इसके लिए सही रणनीति बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, ‘कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन को बढ़ाया जाए लेकिन सावधानी पूर्वक तैयार की गई रणनीति के साथ ताकि लोगों की जिंदगी के साथ-साथ जीविका को भी बचाए जा सके. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पूरे देश में लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगाने की मांग की है. उन्होंने जोन आधारित पाबंदियां हटाने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि रेड जोन ही नहीं, ग्रीन जोन में भी लोगों की आवाजाही बंद हो।
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग का समर्थन किया. मुख्यमंत्री केसीआर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यात्री ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू नहीं करने का आग्रह किया है. तमिलनाडु के सीएम के पलानीस्वामी ने भी लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जैसा कि चेन्नई में पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं, तमिलनाडु में 31 मई तक ट्रेन सेवा की अनुमति न दी जाए. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 31 मई तक नियमित हवाई सेवा शुरू न करें।
वहीं, गुजरात, मध्य प्रदेश, और दिल्ली जैसे राज्य जहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इन राज्यों के मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में रियायत देने की मांग उठायी है. गुजरात कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस वाले राज्यों में शामिल है. इसके बावजूद गुजरात के सीएम विजय रुपाणी लॉकडाउन बढ़ाने के विरोध में हैं. सीएम ने कहा कि लॉकडाउन को कंटेनमेंट जोन तक ही सीमित रखा जाना चाहिए. सुरक्षात्मक उपायों के साथ आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के साथ ही और गर्मी छुट्टी के बाद स्कूल-कॉलेजों को खोलने और सार्वजनिक परिवहन को धीरे से शुरू करना चाहिए।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले अभी कम नहीं हुई हैं. इसके बाद भी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी हिस्सों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए. हालांकि, पूरी दिल्ली अभी रेड जोन में है. केजरीवाल ने कहा कि जिलेवार रेडजाने में छूट दी जाए और सिर्फ कंटेनमेंट जोन को रेड जोन में लाया जाए और बाकी दिल्ली को ग्रीन जोन घोषित किया जाए।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि राज्यों को आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के फैसले लेने के लिए अधिकृत करें. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी लॉकडाउन बढ़ाने का विरोध किया है।
भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के अंदर आर्थिक गतिविधियों के संचालन के निर्णय का अधिकार राज्य सरकार को मिलना चाहिए. कोरोना संक्रमण को लेकर रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन के निर्धारण का दायित्व राज्य सरकारों को दिया जाना चाहिए. रेगुलर ट्रेन और हवाई सेवा, अंतरराज्यीय बस परिवहन की शुरुआत राज्य सरकारों से विचार विमर्श कर की जाए. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्यों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए उन्हें लॉकडाउन से संबंधित दिशा-निर्देशों में उचित बदलाव करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।