प्रदीप शर्मा
कोरोना काल में छठी बार देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने घोषणा की है कि मुफ्त अनाज देने की योजना अब अगले पांच महीनों तक जारी रहेगी। पीएम ने कहा कि त्योहारों का मौसम आ रहा है, जरूरतें और खर्चें बढ़ेंगे, ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली योजना जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में भी लागू रहेगी। सरकार द्वारा इन पांच महीनों के लिए 80 करोड़ से ज्यादा भाइयों-बहनों को 5 किलो गेहूं या 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। साथ ही प्रत्येक परिवार को एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा।
इससे पहले अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी लड़ते-लड़ते अब हम अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं और हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं, जहां सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार होते हैं। ऐसे में मेरी आप सभी से प्रार्थना है कि ऐसे समय में अपना ध्यान रखिए। साथियों, ये बात सही है कि अगर कोरोना से मृत्यु दर को देखें तो अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है। समय पर लिए गए फैसलों ने लाखों लोगों का जीवन बचाया है लेकिन हम यह भी देख रहे हैं कि जब से देश में अनलॉक हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक लापरवाही बढ़ती जा रही है। पहले हम मास्क और सामाजिक दूरी, हाथ धोने को लेकर सतर्क थे लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है तो लापरवाही बढ़ना बहुत ही चिंता का कारण है।
पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सभी संस्थाओं और देश के नागरिकों को उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। विशेषकर कंटेनमेंट जोन पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें हमें रोकना, टोकना और समझाना भी होगा।
पीएम ने आगे कहा कि अभी आपने खबरों में देखा होगा कि एक देश के प्रधानमंत्री पर 13 हजार रुपये का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि वह सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहने बिना ही गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। ये 130 करोड़ देशवासियों के जीवन की रक्षा करने का अभियान है। उन्होंने कहा कि भारत में गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री, कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।
पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता रही कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले। केंद्र, राज्य सरकारें, सिविल सोसायटी सभी ने प्रयास किया कि हमारा कोई भी गरीब भाई-बहन भूखा न सोए। देश हो या व्यक्ति, समय पर और संवेदनशीलता से लिए फैसलों से किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति अनेक गुना बढ़ जाती है इसीलिए लॉकडाउन होते ही सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई। इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने 2 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया।
पीएम ने कहा कि बीते 3 महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपये जमा कराए गए। इस दौरान 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपये जमा हुए हैं। इसके साथ ही गांवों में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान तेज गति से शुरू कर दिया गया। इस पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
मोदी ने आगे कहा कि एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को तीन महीने का राशन यानी परिवार के हर सदस्य को पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया। इसके अलावा प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो मुफ्त दाल भी दी गई। एक तरह से देखें तो अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को और यूरोपीय संघ की आबादी से 2 गुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है।
पीएम ने कहा कि हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान मुख्यतौर पर कृषि क्षेत्र में ज्यादा काम होता है। अन्य सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती होती है। जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का माहौल बनने लगता है। 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है, सावन शुरू हो रहा है, फिर 15 अगस्त, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, बिहू, दशहरा, दीपावली, छठी मैया की पूजा है। त्योहारों का ये समय जरूरतें भी बढ़ाता है और खर्च भी बढ़ाता है। इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा तक यानी नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाएगा। यानी 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली योजना जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में भी लागू रहेगी। सरकार द्वारा इन पांच महीनों के लिए 80 करोड़ से ज्यादा भाइयों-बहनों को 5 किलो गेहूं या 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। साथ ही प्रत्येक परिवार को एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे और अगर इसमें पिछले तीन महीनों का खर्च भी जोड़ दें तो यह डेढ़ लाख करोड़ रुपये हो जाता है। पूरे भारत के लिए हमने एक सपना देखा है। कई राज्यों ने अच्छा काम किया है। अब पूरे भारत के लिए एक राशन कार्ड की व्यवस्था हो रही है। यानी वन नेशन, वन राशन कार्ड। इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा जो रोजगार या दूसरे काम के लिए अपना गांव छोड़कर दूसरे राज्य या कहीं और जाते है। आज अगर गरीब, जरूरतमंद को सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय प्रमुख रूप से दो वर्गों को जाता है- पहला देश के किसान, दूसरा हमारे देश के ईमानदार करदाता। आपका परिश्रम आपका समर्पण की वजह से देश यह मदद कर पा रहा है। आपने देश का अन्न भंडार भरा है इसलिए आज श्रमिक, गरीब का चूल्हा जल रहा है। आपने ईमानदारी से अपना टैक्स भरा है इसलिए गरीब इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है। आज मैं किसानों और टैक्सपेयर्स को हृदय से नमन करता हूं।