प्रदीप शर्मा
राहुल गांधी ने चीन को लेकर एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि चीन को लेकर उनकी चेतावनी को बार-बार खारिज किया जा रहा है, जबकि उन्होंने कोविड-19 और अर्थव्यवस्था को लेकर जो चेतावनी दी थी, वो सच हुई है लेकिन चीन पर भी सरकार का वही रवैया है. राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार से लद्दाख में चीन की मौजूदगी पर लगातार सवाल उठा रही है. शुक्रवार को राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘मैंने उन्हें कोवि़ड-19 और अर्थवयवस्था पर चेतावनी दी थी, जिसे उन्होंने बकवास बता दिया, लेकिन फिर वही मुसीबत आई. मैं उन्हें चीन पर भी चेतावनी दे रहा हूं. वो फिर इसे बकवास बता रहे हैं.’
इसके पहले गुरुवार को उनके ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें राहुल गांधी चीन पर भारत की स्थिति पर बात करते नज़र आ रहे थे. राहुल ने इस वीडियो में कहा कि भारत को चीन के साथ मानसिक मजबूती से लड़ना होगा और चीन के सामने खुद को एक वैश्विक विचार के रूप में तैयार करना होगा।
राहुल ने कहा, ‘यदि आप उनसे निपटने के लिए मजबूत स्थिति में हैं तभी आप काम कर पाएंगे. उनसे वो हासिल कर पाएंगे, जो आपको चाहिए और यह सचमुच किया जा सकता है. लेकिन यदि उन्होंने कमजोरी पकड़ ली, तो फिर गड़बड़ है. पहली बात आप बगैर स्पष्ट दृष्टिकोण के चीन से नहीं निपट सकते और मैं केवल राष्ट्रीय दृष्टिकोण की बात नहीं कर रहा. मेरा मतलब अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण से है.’
उन्होंने कहा, ‘जाहिर सी बात है कि सीमा विवाद भी है और हमें इसका समाधान भी करना है, लेकिन हमें अपना तरीका बदलना होगा. हमें अपनी सोच बदलनी होगी. इस जगह हम दो राहे पर खड़े हैं. अगर हम एक तरफ जाते हैं तो हम बड़ी भूमिका में आएंगे और अगर दूसरी तरफ चले गए हम अप्रासंगिक हो जाएंगे. इसलिए मैं चिंतित हूं. क्योंकि मैं देख रहा हूं एक बड़ा अवसर गंवाया जा रहा है. क्यों? क्योंकि हम दूर की नहीं सोच रहे. क्योंकि हम बड़े स्तर पर नहीं सोच रहे और क्योंकि हम अपना आंतरिक संतुलन बिगाड़ रहे हैं. हम आपस में लड़ रहे हैं.’
पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की कथित घुसपैठ को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार स्पष्टीकरण मांग रही है. पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार इलाके में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर साफ-साफ तथ्य नहीं बता रही है. खासकर, 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के जान देने के बाद यह मुद्दा काफी गर्म हो गया था. राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने पिछले दिनों लगातार कई वीडियो जारी कर कहा था कि सरकार को इस पूरे मामले पर देश को विश्वास में लेना चाहिए।