प्रदीप शर्मा
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच लगातार बने तनाव और चीन की ओर यथास्थिति बदलने की कोशिशों के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में कहा है कि पिछले छह महीनों में भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है. राज्यसभा में बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल की ओर से सवाल पूछा गया था कि क्या पिछले छह महीनों में कोई घुसपैठ हुई है और अगर हां तो इसके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इसपर केंद्र की ओर से लिखित जवाब में यह कहा गया है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पाकिस्तान की ओर से की गई घुसपैठ की कोशिशों पर संसद में जानकारी दी, जो अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा देखी गई हैं. लेकिन चीन पर उन्होंने कहा कि ‘पिछले छह महीनों में इंडो-चीन बॉर्डर पर कोई घुसपैठ रिपोर्ट नहीं की गई है.’
सरकार की इस कोशिश को चीन की गतिविधियों को कम अहमियत देने और यह दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि भारत LAC पर अपनी मजबूत स्थिति में बना हुआ है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को संसद में एक बयान में कहा था कि चीन लद्दाख में लगभग 38,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर अवैध कब्जा किए हुए हैं. उन्होंने बताया कि ‘मई के मध्य में, चीन ने पश्चिमी सेक्टर के हिस्सों में LAC पार करने की कोशिश की थी. इसमें कोंगका ला, गोगरा और पैंगॉन्ग झील का उत्तरी किनारा शामिल थे. किसी को भी देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता पर शक नहीं करना चाहिए. भारत मानता है कि पारस्परिक सम्मान और संवेदनशीलता पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों का आधार है। सरकार ने अभी तक लद्दाख में LAC के पास चीन की मौजूदगी को लेकर कोई आधिकारिक साफ तस्वीर पेश नहीं की है।
उधर चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। एएलसी के पास चीनी सेना पीएलए के कुल 52,000 सैनिक तैनात हैं जिनमें से 10 हजार सिर्फ पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे पर तैनात हैं। पैंगोंग झील के साथ ही अरुणाचल प्रदेश में एएलसी के पास चीनी सेना की चहलकदमी दिखी है। इसके बाद से भारतीय सेना मुस्तैद हो गई है।