प्रदीप शर्मा
हाथरस गैंगरेप केस में अलग-अलग याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से तीन मुद्दों- गवाहों और परिवार.की सुरक्षा, पीड़ित परिवार के.पास वकील है कि नहीं और इलाहाबाद हाईकोर्ट. का स्टेट्स क्या है. इस पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े ने इस केस शॉकिंग केस बताया. सुनवाई के दौरान याचिककर्ता के वकील की ओर से कोर्ट की निगरानी में जांच की बात कही गई. इस पर सीजेआई ने पूछा कि आप इलाहाबाद हाईकोर्ट क्यों नहीं गए।
सुनवाई की शुरुआत यूपी सरकार की ओर से दलील रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने की. उन्होंने कहा कि हम इस याचिका का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन समाज में जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है, हम उसके बारे में सच सामने लाना चाहते हैं. पुलिस और एसआईटी जांच चल रही है. इसके बावजूद हमने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसे मॉनीटर करे और सीबीआई जांच हो. इस पर याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं है, वो कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच चाहते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपकी मांग जांच को ट्रांसफर करने की है या फिर ट्रायल को ट्रांसफर करने की है?
सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि यह घटना बहुत ही असाधारण और चौंकाने वाली है. यही कारण है कि हम आपको सुन रहे हैं, लेकिन अन्यथा हमें यह भी नहीं पता है कि आप लोकस हैं या नहीं. हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह चौंकाने वाला मामला नहीं है या कि हम मामले में आपकी भागीदारी की सराहना नहीं करते हैं, लेकिन कहना चाहते हैं कि याचिकाकर्ता का लोकस नहीं है।