प्रदीप शर्मा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को विपक्षी दल के नेताओं के साथ ब्रेकफास्ट मीटिंग रखी थी। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब की इस मीटिंग में 9 बजे से विपक्षी दलों के नेताओं का आना शुरू हो गया। इसमें 14 दलों के नेता शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद इस बैठक के बाद राहुल गांधी साइकिल से संसद रवाना हुए। उनके साथ विपक्षी दलों के नेता भी साइकिल से संसद पहुंचे।
इस बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, राजद, सपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माकपा, IUML, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), केरल कांग्रेस (M), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस और लोकतांत्रिक जनता दल इस मीटिंग के लिए आए थे। आम आदमी पार्टी बैठक में शामिल नहीं हुई। इस ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स का मकसद विपक्ष को एक साथ रखने की कोशिश के साथ पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दों पर संसद में सरकार की घेराबंदी के लिए रणनीति तैयार करना भी था।
इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा- मेरी नजर में सबसे अहम चीज यह है कि हम इस बल को एकजुट करें। जितनी ज्यादा लोगों की आवाज एकजुट होगी, उतनी ज्यादा यह प्रभावी बनेगी और BJP-RSS के लिए इसे दबा पाना उतना ही मुश्किल होगा।
वाम दलों ने सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के तरीके के तौर पर नकली संसद चलाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, सभी विपक्षी दल इस पर सहमत नहीं हैं। विपक्षी दल पेगासस स्पायवेयर की मदद से जासूसी के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है।
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह भी एक बैठक की थी। उसमें राहुल गांधी भी मौजूद थे। बाद में विपक्षी नेताओं ने एक बयान भी जारी किया था। राहुल गांधी पेगासस मुद्दे पर शुरुआत से आक्रामक हैं। ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स को उनकी विपक्ष के चेहरे के रूप में उभरने की कवायद माना जा रहा है। पिछले हफ्ते राहुल तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग के समर्थन में ट्रैक्टर से संसद पहुंचे थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले हफ्ते दिल्ली दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास 10 जनपथ में मुलाकात की थी। मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद ममता ने कहा था कि हमने राजनीतिक परिस्थितियों, पेगासस और कोरोना की स्थिति और विपक्ष की एकता पर चर्चा की। मुझे लगता है कि भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
लीडरशिप पर ममता ने कहा था कि अगर विपक्ष की ओर से कोई दूसरा चेहरा सामने आता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। जब मामले पर चर्चा होगी तो हम इस पर फैसला करेंगे। मैं नेता नहीं बनना चाहती, बल्कि एक साधारण कैडर बनकर काम करना चाहती हूं।