प्रदीप शर्मा
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार को हुए आत्मघाती बम धमाकों में कई लोगों की जान जाने की खबर है. मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट धमाकों में 85 लोग मारे गए हैं, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं. गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर दो बम धमाके के बाद समाचार एजेंसी एएफपी ने तीसरे धमाके की जानकारी दी. कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि काबुल में और भी धमाके हो सकते हैं. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अपने दावे में इस धमाके की जिम्मेदारी ली है।
यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं. काबुल हवाईअड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी. कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी।
काबुल के स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि कुल 85 लोग मारे गए हैं. वहीं, अफगान पत्रकारों द्वारा शूट किए गए वीडियो में हवाई अड्डे के किनारे पर एक नहर के आसपास दर्जनों शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कम से कम दो विस्फोटों ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया।
वहीं, आईएसआईएस (ISIS) ने कहा कि उसके एक आत्मघाती हमलावर ने “अमेरिकी सेना के मददगारों” को निशाना बनाया. अमेरिकी अधिकारियों ने हमले के पीछे आईएसआईएस का हाथ होने की बात कही है।
धमाकों में हताहत हुए अमेरिकियों की संख्या गुरुवार को 12 से बढ़कर 13 हो गई. माना जा रहा है कि अगस्त 2011 में एक हेलीकॉप्टर को मार गिराए जाने के बाद यह दूसरी घटना में जिसमें अफगानिस्तान में इतने अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है. हेलीकॉप्टर को निशाना बनाए जाने की घटना में 30 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल हमले के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया और हमले में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे.” इस घटना को उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के लिए बड़ा आघात माना जा सकता है. व्हाइट हाउस से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए हुए खामोशी के बीच बाइडेन ने कुछ क्षण के लिए सर झुका लिया और इसके बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देने शुरू किए. मारे गए ‘हीरोज’ की बात करते हुए वे कई बार भावुक होते नजर आए और उनकी आंखों में आंसू भर आए. हालांकि जब उन्होंने हमलावरों को ढूंढ निकालकर मौत के घाट उतारने की बात कही तो उनकी आवाज में बेहद दृढ़ता थी. वैसे इस बात में कोई संदेह नहीं कि काबुल एयरपोर्ट की विस्फोट की घटनाने बाइडेन को राष्ट्रपति के तौर पर हिला दिया है।