लोकराज डेस्क/एजेंसीज
पाकिस्तान को भारत से दुश्मनी करना बड़ा भारी पड़ रहा है। आलम यह है कि पाकिस्तानी सरकार विदेशों में अपने दूतावासों को सैलरी नहीं दे पा रही है। उसे अमेरिका में अपनी संपत्ति को बेचना पड़ रहा है। यही नहीं चीन और सऊदी अरब ने आश्वासन दिया है कि वे पाकिस्तान को 13 अरब डॉलर की मदद देंगे लेकिन इससे भी पाकिस्तान की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने खुलासा किया है कि कंगाली इस हालत में भी उसने वित्त वर्ष के पहले 5 महीने में सेना पर 517 अरब रुपये खर्च किए हैं।
पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के मुताबिक ब्याज और रक्षा क्षेत्र पर ही कुल 2.2 ट्रिल्यन रुपये खर्च किए गए हैं जो पाकिस्तान की संघीय सरकार की कुल आय का 107 प्रतिशत है। इस तरह से पाकिस्तान सरकार अपनी आय से भी ज्यादा पैसा कर्जों का ब्याज देने और रक्षा क्षेत्र पर खर्च कर रहा है। इसकी वजह से उसे अन्य क्षेत्रों में बजट में भारी कटौती करनी पड़ रही है। पाकिस्तान के ब्याज चुकाने के मद में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पाकिस्तान ने सेना के पेंशन और अन्य खर्चों को छोड़कर 517 अरब रुपये केवल रक्षा पर खर्च किए हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक सेना पर यह खर्च पिछले वित्त वर्ष में 112 अरब रुपये मात्र था। पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने अपने वित्त मंत्री को भी बदल दिया है लेकिन अभी तक कर्ज के इस जाल का हल नहीं निकल पा रहा है। यही नहीं शहबाज सरकार के नए वित्त मंत्री और भी खराब नीतियां अपना रहे हैं जिससे यह कर्ज संकट देश को डिफाल्ट की ओर ले जाता दिख रहा है। अगर आईएमएफ और चीन या सऊदी मदद नहीं करते हैं तो पाकिस्तान का डिफाल्ट होना तय है।
पाकिस्तान ने जहां सेना पर 5 महीने में 517 अरब रुपये खर्च किए हैं, वहीं विकास के मद में केवल 133 अरब रुपये ही खर्च किए गए हैं। यह पिछले साल के मुकाबले 53 फीसदी कम है। पाकिस्तान सरकार का बजट घाटा पिछले 5 महीने में 1.43 ट्रिल्यन रुपये हो गया है। इससे प्रत्येक पाकिस्तानी पर कर्ज भी अब बहुत बढ़ गया है। इस कंगाली के बाद भी पाकिस्तानी सेना लगातार घातक हथियार खरीद रही है। पाकिस्तान चीन और तुर्की से लगातार घातक युद्धपोत और सबमरीन खरीद रहा है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख भारत को गीदड़भभकी दे रहे हैं।