प्रदीप शर्मा
शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन गिरावट का दौर जारी है. शुरुआती कारोबार में आज सेंसेक्स 300 अंक से ज्यादा गिरकर खुला और 35,000 अंक के स्तर से नीचे चला गया. भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा से पहले कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के दौर के साथ हुई है. बाजार में लगातार गिरावट की वजह से पिछले दो दिनों में निवेशकों के 5 लाख करोड़ डूब चुके हैं।
बंबई शेयर बाजार का 30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 335 अंक गिरकर 34,833.81 अंक के निचले स्तर को छू गया. फिर हल्के सुधार के साथ यह 194.44 अंक यानी 0.55% गिरकर 34,974.72 अंक पर चल रहा है. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये के लगातार कमजोर बने रहने से पिछले दो सत्र के कारोबार में इसमें 1,356.98 अंक की गिरावट दर्ज की गई है।
ब्रोकरों के अनुसार सबसे ज्यादा गिरावट तेल एवं गैस कंपनियों के शेयरों में देखी गई है. इसकी अहम वजह गुरुवार को सरकार द्वारा पेट्रोलियम कीमतें 2.50 रुपये प्रति लीटर की कम करने की घोषणा रही. इसमें 1.50 रुपये का भार सरकार ने अपने उत्पाद शुल्क को कम करके उठाया है जबकि बाकी एक रुपये का भार तेल कंपनियों से वहन करने के लिए कहा गया है।
इसके चलते भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के शेयरों में 20.50% तक की गिरावट देखी गई है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 कंपनियों के शेयरों पर आधारित निफ्टी भी 90.40 अंक यानी 0.85% की गिरावट के साथ 10,508.85 अंक पर चल रहा है।
ब्रोकरों के अनुसार रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा आने से पहले बाजार का रुख सावधानी भरा है. बाजार को नीतिगत ब्याज दरों में 0.25% की वृद्धि किए जाने की उम्मीद है.आरंभिक आंकड़ों के अनुसार इस बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने गुरुवार को 2,760.63 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू सांस्थानिक निवेशकों ने 1,823.59 करोड़ रुपये की शेयर खरीद की है।