प्रदीप शर्मा
यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे एमजे अकबर ने बुधवार को विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनके खिलाफ अब तक 9 दिन में 16 महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। 20 महिलाएं उनके खिलाफ गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में गवाही देने के लिए तैयार हैं। अकबर पर एक हफ्ते से इस्तीफे का दबाव था। इस बीच, ‘मी टू’ अभियान के तहत सामने आ रहे मामलों की जांच के लिए सरकार रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाने की बजाए मंत्रियों का एक समूह गठित करने पर विचार कर रही है।
अकबर ने इस्तीफे बाद बयान दिया कि मैं अदालत में न्याय के लिए गया हूं। ऐसे में मेरा पद से इस्तीफा दे देना उचित है। मैं इन झूठे आरोपों के खिलाफ लड़ाई लड़ूंगा।
प्रिया रमानी ने ट्वीट किया- अकबर के इस्तीफे के बाद हम सही साबित हो रहे हैं। अब उस दिन का इंतजार है, जब हमें अदालत में न्याय मिलेगा।
पत्रकार प्रिया रमानी के 8 अक्टूबर के एक ट्वीट के बाद से ही अकबर के खिलाफ आरोपों का सिलसिला शुरू हुआ था। अकबर ने प्रिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है। इस पर गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी। अकबर ने 97 वकीलों को हायर किया है, इनमें से 6 पैरवी करेंगे।
20 महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, ‘‘प्रिया रमानी इस लड़ाई में अकेली नहीं हैं। हम मानहानि मुकदमे की सुनवाई कर रही अदालत से अनुरोध करते हैं कि यौन उत्पीड़न से जुड़ी हमारी गवाही भी सुनी जाए।’’ इस संयुक्त बयान पर प्रिया रमानी के अलावा जिन 19 महिला पत्रकारों ने दस्तखत किए हैं, उनके नाम हैं- मीनल बघेल, मनीषा पांडे, तुशिता पटेल, कनिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार, होईन्हू हौजे, आयशा खान, कौशलरानी गुलाब, कनिजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हमीदा पारकर, जोनाली बुरगोहैन, सुजाता दत्त सचदेवा, रश्मि चक्रवर्ती, किरण मनाल, संजरी चटर्जी, क्रिश्चियन फ्रांसिस।
पिछले दिनों केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि मी टू कैम्पेन के तहत सामने आ रहे मामलों की जांच के लिए सरकार रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाएगी। यह कमेटी जनसुनवाई करेगी। हालांकि, बुधवार को एक न्यूज एजेंसी की खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि सरकार अब ऐसे मामलों पर गौर करने के लिए मंत्री समूह बनाने पर विचार कर रही है। यह मंत्री समूह किसी वरिष्ठ महिला मंत्री के नेतृत्व में बनेगा। यह समूह कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कानून या नियम बनाने की सिफारिशें देगा।
मोबाशर जावेद अकबर मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें 5 जुलाई 2016 को कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे झारखंड से राज्यसभा सांसद थे। हालांकि, उन्होंने 17 जून 2016 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें दोबारा मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद बनाया गया।
अकबर ने 1971 में टाइम्स ऑफ इंडिया से ट्रेनी के तौर पर पत्रकारिता करियर की शुरुआत की। वे कई बड़े पत्रकारिता संस्थानों में काम कर चुके हैं। उन्होंने राजनीतिक करियर कांग्रेस से शुरू किया। 1989 से 1991 के बीच कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। 2014 में वह भाजपा में शामिल हुए थे।