लोकराज डेस्क
अमृतसर रेल हादसे में 61 लोगों की जान लेने वाली ट्रेन के ड्राइवर का पहली बार बयान सामने आया है. इस बयान में उसने कहा है कि मैंने ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे, लेकिन ट्रेन वक्त पर नहीं रुक सकी। डीजल इलेक्ट्रक मल्टीपल यूनिट (DEMU) के ड्राइवर अरविंद कुमार ने रेलवे प्रशासन को दिए लिखित बयान में कहा है कि मैंने अचानक रेलवे ट्रैक पर भीड़ को देखा. मैंने लगातार हॉर्न बजाते हुए ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाए. इसके बाद भी कुछ लोग इसकी चपेट में आ गए।
ड्राइवर का कहना है कि ट्रेन के करीब पूरी तरह रुकने की स्थिति में आते ही गुस्साए लोगों ने ट्रेन पर पत्थरबाजी कर दी. इसके बाद मैंने ट्रेन में सवार यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल करते हुए ट्रेन वहां से आगे बढ़ा दी। हालांकि, ड्राइवर का किया गया दावा हादसे के चश्मदीदों के बयान और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से बिलकुल उलट है।
अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में दशहरे के दौरान हुए हादसे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच पुलिस ने कबूल किया है कि उसने आयोजकों को NOC दिया था, लेकिन कार्यक्रम के लिए नगर निगम की भी मंजूरी की जरूरत थी, जो नहीं ली गई थी। इस बीच सामने आए एक खत से संकेत मिले हैं कि आयोजकों-स्थानीय कांग्रेस पार्षद के परिवार ने कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा इंतजाम की भी मांग की थी, जहां पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धू और उनकी पूर्व विधायक पत्नी नवजोत कौर सिद्धु के आने की उम्मीद थी।
जिस रावण दहन के दौरान हुए हादसे में 60 लोगों की मौत हुई उसके कार्यक्रम का आयोजक कांग्रेस नेता सौरभ मदान मिट्टू का एक वीडियो सामने आया है. ये वीडियो हादसे के ठीक बाद का है, जिसमें वह अपने घर से भागता दिखाई दे रहा है. मिट्टू हादसे के बाद से ही फरार है. कुछ लोगों ने उसके घर पर पथराव भी किया।
उधर रेलवे अधिकारियों ने कहा कि उनसे कार्यक्रम के लिये कोई मंजूरी नहीं मांगी गई थी. रेलवे ने मामले में किसी तरह की जांच से इनकार किया और कहा कि यह कोई रेल दुर्घटना नहीं बल्कि रेल पटरियों पर अनधिकृत प्रवेश का एक मामला है।