प्रदीप शर्मा
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आर्थिक आतंकियों और भगोड़ों को सुरक्षित रास्ता देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार के 44 महीनों में 23 घोटालेबाजों ने देश को 53 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक चूना लगाया। वहीं, वित्तमंत्री और उनके परिवार पर मेहुल चोकसी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए अरुण जेटली की बर्खास्तगी और स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है।
सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने पीएनबी बैंक घोटालों के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से संबंधित कई नए तथ्य पेश किए। पायलट ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, उनकी पुत्री सोनाली जेटली और दामाद जयेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेटली एसोसिएट्स ने मेहुल चोकसी की फर्म गीतांजलि जेम्स लिमिटेड से रिटेनरशिप के तौर पर 24 लाख रुपये लिए।
कांग्रेस नेता पायलट का कहना है कि साल 2016 में पीएमओ की तरफ से सभी शिकायतें वित्त मंत्री अरुण जेटली के भेजे जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं दिसंबर, 2017 में सोनाली जेटली और जयेश के जेटली एसोसिएट्स को गीतांजलि जेम्स ने 24 लाख की रिटेनरशिप का भुगतान किया। 1 जनवरी, 2018 को नीरव मोदी और 4 जनवरी को मेहुल के भारत छोड़ने के बाद 31 जनवरी को सीबीआई ने मेहुल और अन्य पर पहली एफआईआर दर्ज की। वहीं 15 फरवरी, 2018 को इस मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई।
सचिन पायलट ने कहा कि देश का पूरा ढांचा आर्थिक आतंकवादियों को संरक्षण देने का काम कर रहा है. मेहुल चौकसी के घोटाले से जुड़े सारे काग़ज़ात वित्त मंत्रालय, SFIO और सबको 2015 में फारवर्ड कर दी गई थी. वित्तमंत्री की बेटी सोनाली जेटली और उनके दामाद को मेहुल चौकसी की फ़र्म ने हायर किया. बाद में इन लोगों ने पैसे ये कहते हुए लौटा दिये कि हमने इनका कोई काम नहीं किया. यह राशि 24 लाख रुपये हमारे पास बैंक स्टेटमेंट है जिस खाते से पैसे वापस आए हैं. उन्होंने कहा कि सबको पता था कि मेहुल चौकसी भागने वाला है. बैंक स्टेटमेंट है जिस खाते से पैसे वापस आए।
मेहुल चौकसी के भागने के बाद फर्म ने पैसे लौटाए .सचिन पायलट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि किस बिनाह पर वित्त मंत्री की बेटी और दामाद के लॉ फ़र्म को हायर किया गया था. दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता राजीव सातव ने कहा कि पूरे मामले में मेहुल चौकसी और वित्त मंत्री के बेटी-दामाद की मिलीभगत थी. 24 लाख खाते में जमा करना क्या वित्त मंत्री को पता था? किसलिये ये पैसा दिया गया? क्या भागने में मदद के लिए? बाद में ये पैसा सरकार को वापस क्यों नहीं किया गया? क्यों मेहुल और नीरव को वापस किया? पीएम से सवाल है कि क्यों नहीं वित्त मंत्री से इस्तीफा लेते हैं।