प्रदीप शर्मा
एक सप्ताह से सीबीआई में जारी घमासान पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने कई आदेश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत की निगरानी में सीवीसी की जांच दो सप्ताह के भीतर पूरी की जानी चाहिए. जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक करेंगे. साथ ही अदालत ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और एनजीओ कॉमन कॉज की याचिकाओं पर सीबीआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम निदेशक कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा ”राव के द्वारा लिए गए अब तक के सभी फैसलों को सीलबंद लिफाफे में अदालत के सामने पेश किया जाए.” सुप्रीम कोर्ट में अब 12 नवंबर को सुनवाई होगी।
नागेश्वर राव ने 24 अक्टूबर को पद संभालने के बाद कई अधिकारियों के ट्रांसफर किये थे. इनमें उन अधिकारियों का भी नाम था जो राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज केस की जांच कर रहे थे।
आलोक वर्मा ने छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उन्होंने नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाए जाने पर भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. ध्यान रहे कि 24 अक्टूबर की रात को केंद्र सरकार ने सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. अस्थाना ने आज केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।