प्रदीप शर्मा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आज दोपहर ढ़ाई बजे करतारपुर कॉरिडोर के पाकिस्तान वाले हिस्से की आधारशिला रखेंगे. दोनों देशों के तल्ख रिश्तों को देखते हुए इस कदम को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि बाबा नानक के वास्ते दोनों देशों के बीच दोस्ती के रास्ते खुल सकते हैं।
इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दोनों देशों के रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दिया. हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंक और बातचीत दोनों एक साथ नहीं चल सकते. सुषमा स्वराज के इस बयान के पाकिस्तान की उन उम्मीदों को भी झटका लगा है जिसमें वो प्रधानमंत्री मोदी को सार्क सम्मेलन के लिए बुलाना चाहता है।
विदेश मंत्री ने कहा, ”काफी सालों से भारत सरकार इस कॉरिडोर के लिए कहती रही है, इस बार पाकिस्तान ने सकारात्मक जवाब दिया है. इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसकी वजह से द्विपक्षीय वार्ता शुरू होगी, आतंक और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते.’
उधर कल पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्क शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेगा। डॉन न्यूज ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है। बता दें कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में शामिल होते तो यह पहला मौका होता जब इमरान सरकार बनने के बाद वह पाकिस्तान जाते ।
20वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान में हो रहा है. हालांकि, इससे पहले 2016 में 19वें सार्क शिखर सम्मेलन का आयोजन भी पाकिस्तान में किया जाना था, लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने इस समिट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद ये सम्मेलन रद्द करना पड़ा था. बांग्लादेश घरेलू परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ था।
अब जबकि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो चुका है और इमरान खान के नेतृत्व में नई सरकार इस बार सभी सदस्य देशों को मनाने की कोशिश करती दिखाई दे रही है, क्योंकि उसे डर है कि सितंबर, 2016 की तरह इस बार भी कहीं सदस्य देश इसमें शिरकत की योजना कैंसिल न कर दें और सम्मेलन रद्द न करना पड़े। पिछले दो साल से पाकिस्तान सार्क सम्मेलन का आयोजन नहीं कर पा रहा है. इसकी वजह से उस पर इस बात का काफी दबाव है कि सम्मेलन को सफल तरीक से आयोजित किया जाए।
सार्क के फिलहाल आठ देश सदस्य हैं-अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका. जम्मू-कश्मीर के उरी में 18 सितंबर, 2016 को आतंकी हमले के बाद भारत ने साल 2016 में इस सम्मेलन में शामिल न होने का निर्णय लिया था. आखिरी सार्क शिखर सम्मेलन 2014 में काठमांडू में आयोजित किया गया था।