प्रदीप शर्मा
जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने वाला बिल लोकसभा में पास हो गया. बिल के पक्ष में 370 और विरोध में 70 मत पड़े. इस बिल को सरकार के एक दिन पहले ही राज्यसभा से पारित करवा लिया था. इसके अलावा धारा 370 हटाने का संकल्प पत्र भी पारित हो गया. इस बिल के पास होने के बाद जम्मू कश्मीर दो हिस्सों में बंट जाएगा. इसके अनुसार जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशबनाया जाएगा।
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश संकल्प में कहा गया है, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि वह जिस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा इस घोषणा पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसे सरकारी गजट में प्रकाशित किया जाएगा, उस दिन से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं रहेंगे, सिवाय खंड 1 के. इसमें कहा गया है कि 19 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति की अधिघोषणा के बाद जम्मू कश्मीर राज्य विधायिका की शक्ति इस सदन को है।
इससे पहले लोकसभा में कश्मीर पर बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का बच्चा-बच्चा यह बोलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा कि क्यों कहना पड़ा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है? क्या कभी हम यह पूछते हैं कि उत्तर प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है? उन्होंने कहा कि धारा 370 आज सदन के आशीर्वाद से खत्म हो जाएगी और यह दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाएगी जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि धारा 370 कश्मीर और भारत को एक दूसरे से नहीं जोड़ती. गृह मंत्री ने कहा कि धारा 370 ने इस देश और दुनिया के मन में एक शंका पैदा कर दी थी कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या नहीं? अमित शाह ने कहा विरोधी पार्टी के कुछ लोग भी चाहते हैं कि कश्मीर से धारा 370 हटे. गृह मंत्री ने कहा कि बिना कैबिनेट के विश्वास में लिए ऑल इंडिया रेडियो से कश्मीर मुद्दे को यूएन ले जाने की घोषणा किसने की थी, पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी. उन्होंने कहा कि विरोधी भी चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 हट जाए. शाह ने कहा कि 371 और 370 के बीच का अंतर देश की जनता समझती है और आप इससे गुमराह नहीं कर पाएंगे।
अमित शाह ने कहा कि 370 पर बोलने के लिए साहस किसी में नहीं था. कहा जा रहा है कि 370 पर रास्ता सही नहीं है. लेकिन मैं बता दूं कि रास्ता तो ठीक है लेकिन आपके वोटबैंक की राजनीति के लिए ठीक नहीं है. आज कहा जा रहा है कि वहां पर इंटरनेट नहीं चल रहा है लेकिन इससे बुरी हालत तो पहले थी. हमने वहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए सब कुछ किया है और हमने कुछ नहीं होने देंगे आपको दबाव में आकर हम सुरक्षा बलों को नहीं हटाएंगे. आरोप लगाया जा रहा है कि चर्चा नहीं की गई. लेकिन चर्चा करते-करते तो 70 साल बीत गए हैं लेकिन चर्चा का अंत नहीं हुआ. हम किससे चर्चा करें जो पाकिस्तान से चंदा लेते हैं. हम हुर्रियत से कोई बात नहीं करेंगे. लेकिन घाटी के लोग हमारे हैं. हम उनको गले से लगाएंगे. लेकिन जब वक्त बदलता है तो चर्चा करने का तरीका भी बदलना पड़ता है।