नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप), जिसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने काम के लिए सराहा गया है, साढ़े चार साल के शासन के बाद भी अपने किए गए 1,000 मोहल्ला क्लिनिक के वादे पर खरी नहीं उतर पाई है, क्योंकि मार्च तक पार्टी केवल 191 क्लिनिक ही चालू करा सकी है।
शुरुआत में, इस परियोजना में देरी हुई क्योंकि आप सरकार और उप-राज्यपाल का कार्यालय मोहल्ला क्लिनिक सहित पार्टी की विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं की मंजूरी को लेकर आपस में भिड़ रहा था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जून 2016 में शहर में 1,000 क्लिनिकों का वादा किया, लेकिन सितंबर 2017 में ही इस परियोजना को उप-राज्यपाल (एलजी) की मंजूरी मिल सकी। 4 जुलाई, 2018 तक दिल्ली के मंत्रिमंडल को अपने सभी निर्णयों के लिए राज्यपाल से अनुमोदन लेना पड़ता था।
सर्वोच्च न्यायालय के 4 जुलाई के फैसले के बाद ही दिल्ली मंत्रिमंडल को अपने निर्णय लेने की शक्ति मिली। हालांकि, राज्यपाल से मंजूरी के बाद भी भूमि की अनुपलब्धता के कारण परियोजना पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी है। डीडीए सहित विभिन्न भूमि-स्वामित्व एजेंसियां क्लिनिकों के लिए भूमि प्रदान करने के लिए तैयार नहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि 55 लाख से अधिक लोगों को क्लिनिक में सेवा दी गई है। विभाग के अनुसार, प्रति दिन एक क्लिनिक का औसत स्तर लगभग 90 लोग हैं। दिल्ली में फरवरी 2015 में आप सत्ता में आई थी और सरकार का कार्यकाल फरवरी 2020 में पूरा हो रहा है।