लोकराज डेस्क
नागरिकता क़ानून को लेकर दिल्ली सुलग रही है. रविवार यानी 23 फ़रवरी को मौजपुर से शुरू हुई हिंसा अब उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाक़ों में फैल चुकी है. सोमवार को जाफ़राबाद, मौजपुर, बाबरपुर, गोकुलपुरी, करावल नगर, भजनपुरा, यमुना विहार समेत कई इलाक़ों में हिंसा हुई है. हिंसा की अलग-अलग वारदातों में दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल समेत 9 लोगों की मौत हो गई. गुरु तेगबहादुर अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ सुनील कुमार के मुताबिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसक वारदात में अब तक कुल नौ लोगों की मौत हुई है. अब तक 135 घायलों को GTB अस्पताल लाया गया है, जिनमें से करीब आधे लोगों को गोली लगी है।
हिंसा में घायल पुलिसवाले और आम लोग अस्पताल में हैं. आज सुबह से भी कुछ जगहों पर हिंसा हो रही है. मौजपुर-बाबरपुर और ब्रह्मपुरी इलाक़े में फिर से पथराव हो रहा है. भजनपुरा में भी हिंसा हो रही है. पुलिसवालों के सामने राहगीरों को पीटा जा रहा है, दुकानों में लूटपाट की जा रही है. इस बीच पूरे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लगा दी गई है।
उधर मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर जारी बवाल के बीच सशस्त्र भीड़ ने टी वी पत्रकारों और कैमरापर्सन पर भी हमला कर दिया. वो बस अपना काम कर रहे थे और उस समय वहां कोई पुलिसवाला भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौजूद नहीं था।
उधर आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मंगलवार को बुलाई गई बैठक में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बारे में यह जानकारी दी गई। बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा, भाजपा के नेता मनोज तिवारी और रामवीर बिधूड़ी भी शामिल हुए।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि उच्चस्तरीय बैठक में दिल्ली में पुलिस-विधायक समन्वय मजबूत करने के साथ ही धार्मिक और जाने-माने स्थानीय नागरिकों सहित समाज के सभी तबकों के प्रतिनिधियों के साथ शांति समितियों को पुन: सक्रिय करने का भी निर्णय किया गया। दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त बलों के साथ ही विशेष अधिकारियों की तैनाती की जा रही है जहां एक हेड कॉन्स्टेबल सहित 9 लोग मारे गए हैं।