मुंबई : महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर रात भर रुकने के बाद किसानों ने नासिक से मुंबई तक का अपना 200 किलोमीटर लंबा किसान लॉन्ग मार्च -2 फिर से शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि वे राज्य व केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के किसानों के साथ किए गए विश्वासघात का विरोध कर रहे हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की किसान शाखा अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) द्वारा आयोजित मार्च में महिलाओं सहित राज्य भर के किसान अपनी भागीदारी दिखी रहे हैं। आठ दिवसीय मार्च 27 फरवरी को मुंबई में विधानसभा के बजट सत्र के साथ समाप्त होगा।
20 फरवरी को साम्यवादी विचारक व लेखक गोविंद पनसारे की चौथी पुण्यतिथि थी और 27 फरवरी को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की शहादत का 88वां वर्ष है।
इस घटनाक्रम से सतर्क भाजपा -शिवसेना सरकार के जल संसाधन मंत्री गिरिश महाजन बुधवार दोपहर बाद किसानों को शांत कराने के लिए नासिक पहुंचे और उनसे मार्च समाप्त करने का आग्रह किया।
एआईकेएस प्रवक्ता पी.एस. प्रसाद ने कहा, मंत्री और किसान नेता के बीच देर रात डेढ़ बजे तक एक मैराथन बैठक चली लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसलिए, मार्च आज सुबह फिर से शुरू हो गया है।
एआईकेएस अध्यक्ष अशोक धावले ने गुरुवार को संकल्प लिया कि मार्च तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उन्हें उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं देती और इस बार किसानों की संख्या पिछले साल के मुकाबले करीब 50 हजार ज्यादा है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार मार्च में बाधा डाल रही है और शांतिपूर्ण जुलूस के खिलाफ पुलिस के माध्यम से दबाव बना रही है।
प्रसाद ने कहा कि कई कस्बों व जिलों में पुलिस ने बिना किसी कारण के मार्च कर रहे किसानों को रोका या उन्हें हिरासत में लिया। इसके अलावा एआईकेएस पदाधिकारियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं।