कोलकाता : सरकारी इलाहाबाद बैक ने 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त तिमाही में कुल 732.81 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जिसमें साल-दर-साल आधार पर कमी आई है। क्योंकि कंपनी ने एक साल पहले की समान तिमाही में कुल 1,263.79 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।
इलाहाबाद बैंक फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पीसीए (प्राम्प्ट करेक्टिव एक्शन) के तहत है। बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1,822.71 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।
बैंक को उम्मीद है कि जून तक वह पीसीए ढांचे से बाहर निकल जाएगा।
इलाहाबाद बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मल्लिकार्जुन राव ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम जून 2019 तक नियामक के समक्ष पीसीए स्टेटस की समीक्षा का दावा करने में सक्षम होंगे।
समीक्षाधीन अवधि में इलाहाबाद बैंक के परिचालन मुनाफे में 16.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जोकि 768.97 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 922.17 करोड़ रुपये था। लेकिन तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर बैंक के परिचालन मुनाफे में 44 फीसदी की तेजी रही, जो कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 533.97 करोड़ रुपये था।
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