जम्मू : अमरनाथ यात्रा के लिए रविवार को जम्मू से 7,993 श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ। इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 1.73 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं।
अधिकारियों ने कहा कि एक जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 13 दिनों में 1,73,978 श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं। पुलिस ने आज यहां कहा कि 5,395 यत्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए दो सुरक्षा काफिले में रवाना हुआ।
पुलिस ने आगे बताया, इनमें से 2,723 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 5,270 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है।
तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं। दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की सेवाएं हैं।
स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है। इसे स्वीकार करते हुए प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरी करना सिर्फ स्थानीय मुस्लिमों की सक्रियता के कारण ही संभव हुआ है। पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहा बूटा मलिक ने की थी।
किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बैग दिया था, बाद में कोयला सोने में बदल गया था। लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चड़ावे का कुछ भाग दिया जाता है। इस साल 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा।