प्रदीप शर्मा
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि दिल्ली दंगा को लेकर सदन की चर्चा से भागें। शाह ने कहा कि इस चर्चा के माध्यम से यह संदेश न जाए कि हम कुछ चीजों को बचाना चाहते थे या भागने चाहते थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र इस स्टेज पर आज पहुंचा है, जहां आज कोई भी चाहकर भी कुछ नहीं छुपा सकता है। अमित शाह ने कहा कि कहीं दंगा और न हो जाए, दंगाईयों को पकड़ा जाए और समुचित इलाज हो इसलिए हमने सदन में चर्चा को लेकर थोड़ा वक्त मांगा था।
अमित शाह ने कहा कि जब ये पूछा गया कि जिस वक्त दंगा हो रहा था तो आपने क्या किया गया? इसके साथ ही, कई तरह की आशंकाएं लोगों के मन में थी। ऐसे में जो अब तक जो कार्रवाई हुई वह सदन में रखना चाहता हूं। इस केस में 700 एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 2,647 गिरफ्तारी हुई है और वो सभी गिरफ्तारी साइंटिफिक तरीके से की जा रही है। उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था। लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है।
गृह मंत्री ने साफ किया कि लोगों की पहचान के लिए ड्राईविंग लाइसेंस जैसी चीजों का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी खबर कुछ जगहों पर चलाई गई कि इसमें फेस की पहचान के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन यह गलत है। अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा के दौरान लोगों ने देशी हथियारों का इस्तेमाल किया है। ऐसे में इन सभी चीजों की जांच की जा रही है।
अमित शाह ने कहा कि जांबाज आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल के हत्यारे को पकड़ कर उसे हिरासत में ले लिया गया है। गृह मंत्री ने आगे कहा कि किसी के भी मन में यह शंका नहीं रहना चाहिए कि जो आरोप हम पर लग रहे हैं वो सही नहीं है, इसलिए सदन में जवाब दे रहा हूं।
अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह सबसे बड़ी सफलता है कि उसने दिल्ली के सिर्फ चार प्रतिशत हिस्से तक इस दंगा को सीमित रखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाकि कई इलाकों में हिन्दू-मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कहीं से भी ऐसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। उन्होंने कहा कि केवल 36 घंटे तक ही यह दंगा हुई है। शाह ने कहा कि दोनों ओर से उकसावपूर्ण घटना के बाद इस दंगा को सिर्फ 36 घंटे में काबू पा लिया गया, जो दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी थी।
गृह मंत्री अमित शाह ने साथ में विपक्षी दलों से सीएए और एनपीआर को लेकर भ्रम न फैलाने की अपील की। उन्होंने दो टूक कहा कि एनपीआर में किसी से कोई कागज नहीं मांगा जाएगा और न ही किसी को डाउटफुल यानी डी मार्क किया जाएगा।शाह ने विपक्षी दल के नेताओं से कहा कि एनपीआर को लेकर उनके मन में कोई भी शंका हो तो वे बेहिचक उनसे मिलें, हर शंका को दूर किया जाएगा। उन्होंने दिल्ली दंगों के लिए विपक्षी नेताओं के भड़काऊ बयानों और सीएए व एनपीआर को लेकर मुसलमानों में फैलाए गए भ्रम को जिम्मेदार ठहराया।
अमित शाह ने कहा कि मैं सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दंगों के लिए जिम्मेदार लोग, साजिश रचने वाले लोग चाहे किसी भी जाति के हों, मजहब के हों, पार्टी के हों, उनको बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा। ऐसी सजा दिलाएंगे कि आगे से दंगा करने वालों के जेहन में कानून का भय बना रहे।